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    अक्षय तृतीया पर सोने की बंपर खरीद की संभावना

  • May 13, 2021
    नई दिल्ली। कोरोना (Corona) संक्रमण काल में अर्थव्यवस्था (Economy) पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है, लेकिन ऐसे समय में भी भारतीय निवेशक किसी एक चीज पर सबसे ज्यादा नजर डाल रहे हैं, तो वो है सोना (Gold)। कल अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) है और भारत (India) में सोने की खरीद के लिए इस दिन को काफी शुभ माना जाता है। माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था की उतार-चढ़ाव के बीच कल बड़ी संख्या में भारतीय निवेशक सोने की खरीद में अपना पैसा लगा सकते हैं। 
    सोने की कीमत में पिछले कुछ दिनों के दौरान लगातार तेजी आई है। सिर्फ अप्रैल में ही सोना 2,601 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हो गया है। जानकारों का कहना है कि सोने में तेजी का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में सोने की कीमत में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में सोना 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर सकता है।
    सर्राफा बाजार के विशेषज्ञ मयंक श्रीवास्तव के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण का डर बुरी तरह फैला हुआ है। लोग शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट (Short term investment) की जगह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को मौजूदा माहौल में ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा देश में महंगाई भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। ये माहौल भारतीय बाजार में सोने की कीमत को सपोर्ट करने वाला है। जिसके कारण सर्राफा बाजार में सोने के दाम में लगातार बढ़ोतरी होने के आसार हैं। मयंक के अनुसार अगर बाजार का माहौल ऐसा ही बना रहा, तो सोने के दाम में 55 हजार से लेकर 58 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक की रफ्तार देखी जा सकती है। 
    सारंगधर कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट शांतनु सारंगधर का कहना है कि अर्थव्यवस्था में जब भी गिरावट का माहौल बनता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। सोना और चांदी को परंपरागत रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है। मौजूदा दौर में कोरोना संक्रमण का दबाव बाजार को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले चुका है। जिसके कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट होने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में सोने में तेजी आने की पूरी संभावना है और आगामी 5 से 6 महीने में सोना 55 हजार के स्तर को पार करके ऑल टाइम हाई लेवल पर भी पहुंच सकता है। 

    उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी जब कोरोना की पहली लहर के दौरान स्थितियां काफी खराब हो गई थीं, तब अगस्त के महीने में सोना रिकॉर्ड 56200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया था। उस समय कोरोना महामारी के डर से शेयर बाजार से लेकर इन्वेस्टमेंट के सभी इंस्ट्रूमेंट्स दबाव में आ गए थे। जिसके कारण सोने की मांग में काफी तेजी आ गई थी। जानकारों का कहना है कि काफी हद तक अभी भी बाजार में कोरोना संकट के कारण कुछ वैसा ही माहौल बनता जा रहा है। इसलिए सोने में तेजी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। 
    जानकारों का ये भी कहना है कि सोने में निवेश करके अगर अच्छा फायदा कमाना है तो शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट की जगह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ऐसा होने पर सोने में होने वाले किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव से निवेशक को कोई नुकसान नहीं होता है। दूसरी ओर लंबी अवधि में उसे बेहतर रिटर्न मिल सकता है। 

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