भोपाल। मप्र (MP) में इस बार 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं (Metric ton wheat) समर्थन मूल्य पर खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। 25 मई तक गेहूं की खरीदी होनी है। अभी तक करीब 103 लाख मीट्रिक टन गेहूं (Metric ton wheat) खरीदा गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि टारगेट (Target) पूरा करने के लिए सरकार गेहूं खरीदी (Bought wheat) की तारीख 31 मई तक बढ़ा सकती है। किसान संगठन भी तारीख बढ़ाने की मांग लगातार कर रहे हैं।
प्रदेश में कोविड गाइड लाइन (Covid Guide Line) के तहत समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है। इस कारण सीमित संख्या में किसान (Kisan) खरीदी केंद्रों पर पहुंच रहे है। इससे प्रदेश में अभी भी हजारों किसानों ने अपनी उपज का एक दाना भी नहीं बेचा है। उधर, सरकार (Kisan) किसान की उपज का एक-एक दाना खरीदने की बात कह रही है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सरकार 31 मई तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्देश जारी कर सकती है।
फिर टूटेगा गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड
कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि इस बार फिर गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड टूट सकता है। पिछले साल 129 लाख मीट्रिक टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया था। इस बार अभी तक 103 लाख मीट्रिक टन गेहूं 13.12 लाख किसानों से खरीदा जा चुका है। पिछले एक सप्ताह में करीब 20 लाख टन गेहूं की खरीद हुई। इस आवक को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि 25 मई तक खरीदी 130 लाख टन के आंकड़े को पार कर जाएगी।
11 लाख से अधिक किसानों से अभी खरीदा जाना है अनाज
इस बार 24.65 लाख किसानों नेे गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। अभी तक 13.12 लाख किसानों से गेहूं खरीदा गया है। पंजीकृत किसानों में से अभी 11.53 लाख से गेहूं खरीदना बाकी है। वैसे भी केंद्र सरकार ने अब चमकविहीन गेहूं भी 10 प्रतिशत तक लेने की अनुमति दे दी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 19 अप्रैल से खरीदी ने गति पकड़ी है, जो अभी तक जारी है। 19 से 25 अप्रैल के बीच 23 लाख टन के आसपास खरीदी हुई। वहीं, 26 अप्रैल से दो मई तक 27 लाख टन गेहूं साढ़े चार हजार से ज्यादा खरीदी केंद्रों में लिया गया। तीन से नौ मई के बीच 20 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। अब तक 14,969 करोड़ रुपए के भुगतान के आदेश जारी हो गए हैं। किसानों के खातों में 11,925 करोड़ रुपए जमा भी हो चुके हैं।
98 फीसदी किसानों को भेजा गया एसएमएस
नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस बार खरीदी भले ही पहले प्रारंभ कर दी थी पर कोरोना संक्रमण की वजह से केंद्रों पर भीड़ नहीं लगने दी गई। 98 फीसदी किसानों को उपज बेचने के लिए पहला एसएमएस किया जा चुका है। 15 मई को इंदौर और उज्जैन में खरीदी बंद हो जाएगी। वैसे यहां अधिकांश किसान उपज बेच चुके हैं। जबलपुर संभाग में 15 अप्रैल के आसपास खरीदी प्रारंभ हुई है। यहां और भोपाल संभाग में खरीदी का काम चल रहा है। केंद्र सरकार ने प्रति क्विंटल 10 प्रतिशत चमकविहीन गेहूं लेने की अनुमति दी है। हालांकि, इस सीमा को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। संभावना जताई जा रही है कि मंडियां बंद होने, पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र बढऩे और अधिक किसानों द्वारा पंजीयन कराने से इस बार अधिक मात्रा में उपार्जन हो सकता है। नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि साढ़े 12 लाख टन गेहूं के लिए प्लास्टिक के बैग खरीदने के आदेश दे दिए हैं। उपार्जन केंद्रों से परिवहन भी लगातार हो रहा है। जिन किसानों ने अभी उपज नहीं बेची है, उन्हें एसएमएस किए जा रहे हैं।
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