इस साल 14 मई, शुक्रवार को मनाई जा रही है अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2021) और इस दिन सूर्य राशि परिवर्तन कर मेष से वृष राशि में गोचर करेंगे। इस कारण सूर्य (Sun) और बुध के संयोग से बुधरादित्य योग बनेगा। चंद्रमा शुक्र के साथ वृष राशि में गोचर करेगा। यह योग धन, यश, वैभव और समृद्धि के लिए काफी शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया की शाम को चंद्रमा मिथुन राशि में प्रवेश करेगा जिससे कि धन योग बना रहा है। इसे लक्ष्मी योग(Lakshmi Yoga) भी कहते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन कई ग्रह मिलकर ऐसे शुभ योग बना रहे हैं जिनमें घर, मकान और भू-संपत्ति की खरीददारी करना, धन निवेश करना, पुण्य करना और नए व्ययसाय की शुरुआत करने पर मंगलकारी परिणाम प्राप्त होंगे। अक्षय तृतीया पर ये शुभ योग होने से इसका महत्व (Importance) और भी बढ़ गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Covid 19 Second Wave) के कारण अक्षय तृतीया इस बार लॉकडाउन में पड़ रही है। ऐसे में पूरी सावधानी रखते हुए यह त्योहार घर में रहकर ही मनाएं। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर पड़ने वाले इन शुभ योगों के बारे में।।
अक्षय तृतीया के दिन कई ग्रह मिलकर ऐसे शुभ योग बना रहे हैं जिनमें घर, मकान और भू-संपत्ति की खरीददारी करना, धन निवेश करना, पुण्य करना और नए व्ययसाय (The business) की शुरुआत करने पर मंगलकारी परिणाम प्राप्त होंगे। अक्षय तृतीया पर ये शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Covid 19 Second Wave) के कारण अक्षय तृतीया इस बार लॉकडाउन में पड़ रही है। ऐसे में पूरी सावधानी रखते हुए यह त्योहार घर में रहकर ही मनाएं। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर पड़ने वाले इन शुभ योगों के बारे में।।
सुकर्मा योग:
ज्योतिष (Astrology) के अनुसार, सुकर्मा योग में कोई भी नया काम जैसे नौकरी या फिर धर्म से जुड़ा कोई काम करने पर मांगलिक फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही बाधाएं भी नष्ट हो जाती हैं। सुकर्मा योग (Sukarma yoga) में जातकों को भगवान की पूजा अर्चना और दया, करुणा और ममता जैसे अच्छे काम करने पर शुभ फल मिलता है।
धृति योग:
ज्योतिष के अनुसार, धृति योग मकान-जमीन आदि का नींव पूजा, शिलान्यास, भूमि पूजन करने पर मांगलिक फल मिलता है। इस योग में किए गए कार्यों में धैर्य रखना होता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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