मुंबई। महाराष्ट्र में रविवार को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के 48000 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। महाराष्ट्र देश के सबसे ज्यादा कोरोना ग्रसित राज्यो में से एक है। वहीं इसी सूबे के भंडारा जिले के लोगों ने संयम की जो मिसाल पेश की है। उसकी लोग तारीफ कर रहे हैं। यहां के 90 गांवों में कोरोना संक्रमण का एक भी केस नहीं है।
‘दूसरी लहर का कहर नहीं’
देश में कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा हडकंप मचाया कि लोग सहम उठे। जिस तरफ देखो मानो वहीं तबाही का मंजर नजर आया। लोग अपने रिश्तेदारों के लिए आक्सीन और रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए परेशान दिख रहे थे। लेकिन भंड़ारा जिले के 90 गांवों में ऐसी कोई मांग नहीं, किसी को कोरोना नहीं। हालात एकदम सामान्य बने रहे। यहां लोगों ने संयम की मिसाल पेश की और पहले की तरह अपने रोजमर्रा के काम में लगे रहे।
यहां कोरोना को लेकर जो गाइडलाइंस बनाई गई उसका लोगों ने पूरी तरह पालन किया। गांव में हर शख्स के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। गांवों को समय-समय पर सैनिटाइज किया गया। इसके साथ जो लोग काम के लिए बाहर जाते थे उन्हे भी अलर्ट करने के साथ उन पर बराबर निगाह रखी गई। वहीं गांव के लोगों ने अपनी जवाबदेही समझी। नियमों को माना और आखिरकार मुहिम रंग लाई और इस तरह कोरोना का खतरा कम किया गया।
बच्चों ने भी मानी बात
कोरोना काल के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने जो गाइडलाइंस जारी की उसका सौ फीसदी पालन हुआ। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइनजर के इस्तेमाल के बारे में लोगों को लगातार जागरूक किया गया। गांव का एक बच्चा भी बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकला।
वैक्सीनेश पर फोकस
यहां के जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रशांत उइके का कहना है कि अब यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जनजागरण अभियान चल रहा है। वहीं लोगों को उम्मीद है कि इसी तरह सावधानी बरती जाएगी तो यहां आगे भी कोरोना का बुरा साया नहीं फटकेगा।
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