आज का दिन सोमवार है और इस दिन देवो के देव महादेव की संपूर्ण विधि विधान से पूजा की जाती है । हिंदू धर्म में भगवान शिव (Lord Shiva) को सभी देवी देवताओं में सबसे बड़ा माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान शिव ही दुनिया को चलाते हैं। वह जितने भोले हैं उतने ही गुस्सै वाले भी हैं। शास्त्रों के मुताबिक सोमवार (Monday) का दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी (Shiva) को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत करते हैं और शिवलिंग (Shivling) की पूजा करते हैं। मगर शिवलिंग की पूजा करने की एक खास विधि होती है। यदि उस विधि से शिवलिंग की पूजा न की जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होने की जगह नाराज हो जाते हैं। शिवपुराण (Shivpuran) के अनुसार भगवान के शिवलिंग की पूजा करते वक्त क्या नहीं करना चाहिए इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कैसे करें शिवलिंग की पूजा।
शंख का न करें इस्तेमाल
शिवपुराण में लिखा है कि भगवान शिव ने शंखचूण नाम के राक्षस का वध किया था इसलिए उनकी पूजा के दौरान कभी शंख नहीं बजाना चाहिए। अगर पूजा के दौरान कुछ बजाना ही है तो आप डमरू या घंटी बजा सकते हैं। इन दोनों ही यंत्रों के स्वर से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
न चढ़ाएं तुलसी
लोगों का मानना है कि भगवान की प्रतिमा पर जब तक तुलसी न चढ़ाई जाए तब तक पूजा अधूरी रहती है। लेकिन जब आप भगवान शिव की पूजा (Worship) करें तो ऐसा भूल से भी न करें। इसके पीछे एक वजह है। वजह यह है कि तुलसी केवल भगवान कृष्ण को प्रसाद चढ़ाते वक्त उसमें डाली जाती है क्योंकि भगवान कृष्ण (Lord krishna) ने माता तुलसी के साथ विवाह किया था। जब आप शिवलिंग की पूजा करें तो ध्यान रखें कि बेल के पत्ते ही चढ़ाएं।
यदि आप शिवभक्त हैं तो आपको पता होगा कि भगवान शिव अघोरी थे। अघोरियों पर वह सामान कभी नहीं चढ़ता जो स्त्रियां इस्तेमाल करती हैं। हल्दी का प्रयोग महिलाएं अपनी सुंदरता को निखारने में करती हैं। इसलिए शिव जी पर कभी भी हल्दी न चढ़ाएं। कुमकुम और राख से शिवलिंग का श्रृंगार करें।
गाय का ही दूध चढ़ाएं
अगर आप भगवान शिव पर दूध (Milk) चढ़ा रहे हैं तो याद रखें कि उन पर केवल गाय का दूध ही चढ़ाएं और वह भी ताजा। पैकेट वाला या बासी दूध भगवान शिव (Lord Shiva) पर कभी न चढ़ाएं। भैंस का दूध भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
शिवलिंग पर चढ़ाएं जल
शिवलिंग (Shivling) को जलधारा के नीचे रखने से शिव पसन्न होते हैं। यदि आपने शिवलिंग को घर पर रखा है तो ध्यान रखें की शिवलिंग के नीचे सदैव जलधारा बरकरार रहे अन्यथा वह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved