नई दिल्ली। देश में मेडिकल ऑक्सीजन का संकट मरीजों की जान पर भारी पड़ रहा है। ओडिशा से आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल के लिए 18 टन मेडिकल ऑक्सीजन लेकर निकला टैंकर बृहस्पतिवार देर रात लापता हो गया।
चुनौती: देश में ऑक्सीजन संकट के कारण खतरे में मरीजों की जान
समय पर टैंकर अस्पताल नहीं पहुंचा तो ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती 400 मरीजों की जान आफत में पड़ गई। पुलिस भी टैंकर को ट्रेस नहीं कर सकी। विजयवाड़ा से पुलिस कमिश्नर बी श्रीनिवासुलू ने क्षेत्र के सभी पुलिस अधीक्षक को टैंकर की तलाश करने का आदेश दिया। पुलिस टीम ने सभी रूट पर पड़ताल शुरू की तो मेडिकल ऑक्सीजन से लदा टैंकर पूर्वी गोदावरी जिले के एक ढाबे पर खड़ा था।
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि टैंकर का ड्राइवर मेडिकल ऑक्सीजन के लिए कई चक्कर लगा चुका था। थकान के कारण उसने टैंकर ढाबे पर खड़ा कर दिया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रीन चैनल से समय रहते अस्पताल तक पहुंचाया। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार टैंकर सुबह तक नहीं मिलता तो अस्पताल में तबाही मच सकती थी। पुलिस ने कहा, मेडिकल ऑक्सीजन लेने जा रहे टैंकर के साथ होमगार्ड के कुछ जवान भी रहेंगे। इसका लाभ यह होगा कि पुलिस और प्रशासन उनसे लगातार संपर्क में रहेगा और समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद मिलेगी। इस तरह की देरी से किसी भी वक्त सैकड़ों मरीजों की जान संकट में पड़ सकती है।
सिर्फ आधी ऑक्सीजन
केंद्र सरकार की और से आंध्र प्रदेश ने एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की है। वहीं केंद्र उसे सिर्फ पांच सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी की मानें तो केंद्र से राज्य सरकार ने 69 क्रायोजेनिक टैंकर की भी मांग की है जिससे राज्य को ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके। लेकिन इसमें अभी कोई सफलता नहीं मिली है। अफसरों को कहना है कि सक्रिय केस बढ़ने से स्थिति बिगड़ेगी।
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