वॉशिंगटन।यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन US Center for Disease Control and Prevention (CDC) ने कोरोना वायरस(Corona virus) के प्रसार से जुड़ी अपनी सार्वजनिक गाइडेंस को अपडेट (Update public guidance) किया है. नए निर्देशों के मुताबिक कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण हवा में 6 फीट से भी ज्यादा दूरी तक जा सकता(Can go more than 6 feet in the air) है. इसके अनुसार लोग बहुत ही महीन सांस की बूंदों और एरोसोलाइज्ड कणों या सीधे छींटों, स्प्रे या दूषित हाथों से मुंह, नाक या आंख को छूने से संक्रमित हो सकते हैं. एजेंसी के मुताबिक: “हवा में साँस लेने में बहुत छोटी महीन बूंदें और एरोसोल कण होते हैं जिनमें संक्रामक वायरस होते हैं. ट्रांसमिशन का जोखिम संक्रामक स्रोत के तीन से छह फीट के भीतर सबसे ज्यादा है जहां इन बहुत ही महीन बूंद और कण इससे भी ज्यादा दूरी तक बाहर जा सकती हैं.”
पिछले माह लैंसेट की रिपोर्ट में कही गई थी ये बात
लैंसेट पत्रिका में अप्रैल में प्रसारित एक नयी अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया कि इस बात को साबित करने के मजबूत साक्ष्य हैं कि कोविड-19 महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-कोव-2 वायरस मुख्यत: हवा के माध्यम से फैलता है. ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से ताल्लुक रखनेवाले छह विशेषज्ञों के इस आकलन में कहा गया है कि बीमारी के उपचार संबंधी कदम इसलिए विफल हो रहे हैं क्योंकि वायरस मुख्यत: हवा से फैल रहा है. अमेरिका स्थित कोलराडो बाउल्डेर विश्वविद्यालय के जोस लुई जिमेनजे ने कहा, ‘‘वायरस के हवा के माध्यम से फैलने के मजबूत साक्ष्य हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए यह आवश्यक है कि वे वायरस के प्रसार के वैज्ञानिक साक्ष्य को स्वीकार करें जिससे कि विषाणु के वायुजनित प्रसार को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.’’
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