नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को यूरोपीय परिषद की बैठक(European Council Meeting) में वर्चुअल माध्यम से शिरकत की। वह इस बैठक में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिचेल(European Council President Charles Mitchell) के विशेष आमंत्रण पर शामिल हुए। बैठक में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सभी 27 अध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। इस शिखर सम्मेलन के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs of India) ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (India and European Union) संतुलित, महत्वाकांक्षी और समग्र व्यापार समझौता के लिए वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए हैं।
बैठक को लेकर जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि हमने देखा कि पहली भारत-यूरोपीय संघ की बैठक के बाद से आज की बैठक में बदलाव का आभास हुआ है। हमारे लोगों के लिए बेहतर भविष्य के लिए हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं। हम भारत, यूरोप और बाकी दुनिया में कोरोना वायरस(Corona Virus) महामारी(Pandemic) के चलते जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। बयान में कहा गया कि भारत ने यूरोपीय संघ और इसके सदस्य देशों की ओर से मिले त्वरित सहयोग और सहायता की सराहना की।
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिचेल ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यूरोपीय लामबंदी के पहले दिन से हमने पूरी दुनिया के लिए टीके उपलब्ध कराने के लिए अनुसंधान में धन का योगदान करके एकजुटता दिखाई। हमने कोवाक्स में अहम भूमिका निभाई, जिससे पूरी दुनिया को टीका मिल सके। उन्होंने कहा कि यह तथ्य कि हम वैक्सीन का निर्यात कर रहे हैं, हमारी एकजुटता दिखाता है और हम अपने सबी भागीदारों और वैक्सीन उत्पादकों से अपील करते हैं कि हमारे उदाहरण का पाल करें और आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखें। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा था, ‘यह एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिसमें यूरोपीय संघ +27 के प्रारूप में प्रधानमंत्री मोदी यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के नेताओं के साथ संवाद करेंगे।’ जानकारी के मुताबिक, भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा करेंगे। वर्तमान में, यूरोपीय संघ के परिषद की अध्यक्षता पुर्तगाल के पास है। इस बैठक में शामिल होने वाले नेता कोविड-19 महामारी और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग, स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ावा देने, भारत-यूरोपीय संघ के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की यह बैठक यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सभी नेताओं के साथ चर्चा करने का एक अभूतपूर्व अवसर है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में हिस्सा लेने पुर्तगाल जाने का कार्यक्रम था लेकिन देश में कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद दोनों पक्षों ने डिजिटल माध्यम से बैठक करने का निर्णय किया था। बता दें कि भारत के लिए यूरोपीय संघ सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समूह है। यह 2018 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा। यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2018-19 में 115.6 अरब डॉलर था, जिसमें निर्यात 57.17 अरब डॉलर व आयात 58.42 अरब डॉलर रहा।