विशाखापट्टनम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को निशाना बनाने के चक्कर में झारखंड के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Jharkhand) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) खुद निशाना बन गए हैं. अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Andhra Pradesh) वाई एस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने उनकी आलोचना की है. रेड्डी ने सधे हुए शब्दों में न केवल सोरेन को यह समझा दिया कि उन्होंने जो कहा वह गलत था. बल्कि उन्हें इस मुश्किल वक्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ मिलकर काम करने की नसीहत भी दे डाली.
दरअसल झारखंड के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Jharkhand) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने झारखंड में कोरोना के हालात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) से टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र करते हुए एक ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया. उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की. बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते’. इस बयान के लिए सोरेन की आलोचना शुरू हो गई थी. सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा था. अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Andhra Pradesh) वाई एस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने भी उन्हें उनकी गलती का अहसास कराने का प्रयास किया है.
जगनमोहन रेड्डी ने ट्वीट कर कहा ‘प्रिय हेमंत सोरेन, मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं लेकिन एक भाई के तौर पर मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे बीच चाहे जितने मतभेद हों, इस स्तर की राजनीति से हमारा राष्ट्र केवल कमजोर ही होगा’. सीएम रेड्डी ने आगे लिखा कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में यह समय किसी पर ऊंगली उठाने का नहीं बल्कि साथ महामारी से मुकाबले में प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करने का है. अपने ट्वीट को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हर तरफ आलोचना हो रही है. केंद्रीय मंत्री एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने सोरेन को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने तो आपको फोन किया कि कोरोना से कैसे लड़ा जाए और सरकार सबके साथ है. आपने आभार व्यक्त करने की बजाय उनकी आलोचना की. PM ने बड़प्पन दिखाया, मगर आपने अपनी तथा CM पद की गरिमा गिरा दी’. वहीं, असम भाजपा के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि सोरेन का ट्वीट सामान्य शिष्टाचार के खिलाफ है और लोगों की परेशानियों का मजाक उड़ाने जैसा है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने उनका हालचाल जानने के लिए फोन किया था. इसी तरह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि यह समय कोरोना को हराने के लिए मतभेदों को भुलाकर एक साथ खड़े होने कहा है. मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने भी हेमंत सोरेन के बयान की आलोचना की और उनसे अपना बयान वापस लेने की अपील की. उधर, इस विवाद में हेमंत सोरेन का खुलकर साथ देते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री सोरेन की बात भी सुननी चाहिए थी. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा, ‘यदि मुख्यमंत्री राज्य की समस्याओं से प्रधानमंत्री को वाकिफ कराना चाहते थे तो इसमें सोरेन ने क्या गलत किया?’