नई दिल्ली। डॉक्टरों की एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना (Corona virus) की इस दूसरी लहर (Second Wave) में संक्रमित(Infected) होने वाले 45 साल से कम उम्र के ज्यादातर लोगों की मौत हृदय गति के रुकने (Heart Attack) की वजह से हुई है.
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) शरीर में प्रवेश करने के बाद सूजन को बढ़ाता है, जिससे दिल(Heart) की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं. जब ऐसा होता है कि तो इससे दिल (Heart) के धड़कने की गति पर असर पड़ता है, और शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं. डॉक्टर इसे Blood Clotting कहते हैं. मतलब Blood Clotting की वजह से संक्रमित मरीज (Positive Patient) का दिल क्षमता के अनुसार पंप नहीं कर पाता और फिर उसके ह्रदय की गति रुक जाती है. अभी ऐसा ही हो रहा है.
हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?
अब तक संक्रमण के दौरान शरीर का ऑक्सीजन लेवल चेक करने की सलाह ही दी जा रही थी, लेकिन अब आपको अपने हार्ट रेट पर भी ध्यान रखना है. इसे आप पल्स ऑक्सीमीटर से ही चेक कर सकते हैं. बस इस दौरान आपको एक बात का ध्यान रखना है कि आपका हार्ट रेट 60 से 100 के बीच हो. यहां 60 से 100 का मतलब है कि आपका दिल एक मिनट में कितनी बार धड़क रहा है.
हार्ट रेट बताएगा कब है जान का खतरा
डॉक्टर का कहना है कि संक्रमण के दौरान हार्ट रेट 70 से 80 के बीच रहे तो घबराने की कोई बात नहीं है. लेकिन अगर ये 100 से ज्यादा रहता है तो आपके लिए ये खतरे की घंटी है, और आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी है. हालांकि यहां भी आपको ये बात याद रखनी है कि वजन उठाते समय, चलते हुए और भागने पर हमारा हार्ट रेट ज्यादा ही रहता है. इसलिए हार्ट रेट आराम से किसी एक जगह पर बैठ कर चेक करें.
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