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    इंदौर में साढ़े सात हजार बेड, 30 जिलों के मरीज आ रहे

  • May 06, 2021

     

    पिछले दो-चार दिनों से ऑक्सीजन बेड का प्रेशर कम हुआ
    इंदौर।  इंदौर में कोरोना मरीजों (corona patient) के इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर करीब साढ़े 7 हजार बेड है। इंदौर एक ऐसा केन्द्र हैं जहां चारों ओर से 30 जिलों के लोग इलाज के लिए आते हैं और कोरोना में भी यही स्थिति रही। हालांकि अब हालात काबू में आते जा रहे हैं और पिछले चार दिनों से ऑक्सीजन बेड का दबाव अस्पतालों में कम हुआ है। हालांकि आईसीयू के बेड की अभी भी जरूरत पड़ रही है।
    कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) का कहना है कि एक सप्ताह पहले जिस तरह से शहर में ऑक्सीजन और अन्य दवाइयों की मारामारी थी, उसमें अब सुधार आया है और प्रेशर कम होने लगा है, फिर भी स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट पर हंै और जो मरीज लगातार आ रहे हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। सिंह ने कहा कि कोविड केयर सेंटर बनने से अस्पतालों पर बोझ कम हुआ है जो सामान्य मरीजों का यहां इलाज किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। कल गांवों में बैठक के दौरान सिंह ने कहा कि इंदौर में साढ़े 7 हजार बेड पर कोरेाना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पिछले दिनों बेड की क्षमता और बढ़ाई गई है। इंदौर में 30 जिलों से लोग आते हैं, इसलिए एकदम से प्रेशर आ गया था, लेकिन शहर में अब केस कम आने लगे हैं और आ भी रहे हैं तो वे माइल्ड केस हैं। सिंह ने कहा कि जिस तरह से सख्ती की जा रही है और लोगों का सहयोग मिल रहा है, उससे शहरी क्षेत्रों में कोरोना की चैन तोडऩे में हम सफल हो रहे हैं। अगर इसी तरह लोगों ने मदद की तो शहर में कोरोना की चैन टूट जाएगी और मरीज कम हो जाएंगे। पिछले दिनों बढ़ाए गए प्रतिबंध को लेकर भी उन्होंने कहा कि अगर शहर हित में हुआ तो प्रतिबंध और भी बढ़ाए जा सकते हैं।

    कई गंभीर मरीज पहले आ जाए तो सही इलाज हो

    कलेक्टर ने कहा कि कई मरीज कोरोना के लक्षण को देखने के बाद भी अपना इलाज डॉक्टर से करवाते हैं और उन्हें लगता है कि वे घर पर ही ठीक हो जाएंगे। अगर उन्होंने बीमारी सही समय पर पकड़ ली तो ठीक, लेकिन लापरवाही करी तो यह संक्रमण 3 से 5 दिनों में बढ़ जाता है और जब तक मरीज समझ पाता है, यह संक्रमण बढक़र 30 से 40 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। इसके बाद ही लापरवाही बरती जाती है तो मरीज गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है और उसके बाद परिजन अस्पताल का रूख करते हैं। ऐसे में रिस्क बढ़ जाती है। अगर ऐसे मरीज पहले आ जाए तो उनके इलाज में आसानी हो।


    रिकार्डतोड़ 2 हजार 697 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंचे
    कोरोना से स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों का आंकड़ा कल रात पौने तीन हजार तक पहुंच गया। कोरोना काल में पहली बार यह आंकड़ा आया है जो कोरोना से राहत के संकेत दे रहा है।
    इंदौर में अभी तक प्रतिदिन डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का आंकड़ा डेढ़ हजार तक पहुंच चुका है। इसके साथ ही एडजस्टमेंट किए जाने वाले मरीजों की संख्या को मिलाकर यह आंकड़ा और बढ़ रहा था, लेकिन कल अस्पताल और आइसोलेशन में रहने वाले 2 हजार 697 कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज किया गया और वे स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए। ये मरीज निजी अस्पतालों के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे थे तो इनमें से कई मरीज ऐसे थे जो होम आइसोलेट थे या कोविड केयर सेंटर में अपना इलाज करवा रहे थे। शहर में कोरेाना से लड़ाई के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। हालांकि अभी शहर में मरीजों की संख्या में किसी प्रकार की कमी नहीं हुई है। कल भी 10 हजार 341 सैम्पल की जांच में 1792 नए मरीज पॉजिटिव आए हैं। हालांकि शहर में अब एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 12 हजार 17 पर आ गई है।

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