नई दिल्ली। केंद्र सरकार (central government) ने आईडीबीआई बैंक लिमिटेड (IDBI Bank Limited) के विनिवेश को लेकर बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में आईडीबीआई बैंक लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश और इसके प्रबंधन के ट्रांसफर को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। फिलहाल आईडीबीआई बैंक पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का नियंत्रण है और वही इस बैंक का प्रमोटर भी है। जबकि भारत सरकार इस बैंक की को-प्रमोटर है।
इसके पहले भारतीय जीवन बीमा निगम ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) से अपनी हिस्सेदारी घटाने और बैंक के प्रबंधन के काम से अलग होने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। आईडीबीआई बैंक में भारतीय जीवन बीमा निगम की 49.24 फीसदी और भारत सरकार के पास 45.48 फीसदी की हिस्सेदारी है। सरकार द्वारा आईडीबीआई बैंक में कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी, इसका फैसला भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श करने के बाद ट्रांजैक्शन की स्ट्रक्चरिंग के समय किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस वित्तीय वर्ष के विनिवेश कार्यक्रम का उल्लेख किया था। वित्त मंत्री ने अपने उल्लेख में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से केंद्र के हिस्सेदारी घटाने का ऐलान किया था। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार आईडीबीआई बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंकों और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी का विनिवेश कार्यक्रम के तहत 2021-22 के दौरान निजीकरण करना चाहती है।
उम्मीद की जा रही है कि विनिवेश कार्यक्रम के जरिए रणनीतिक खरीदार बैंक की क्षमता को बढ़ाने और इसके विकास के लिए पैसा लगाएंगे। साथ ही नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर बेहतर प्रबंधन प्रणाली के जरिए बैंक को आगे ले जाएंगे। इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि विनिवेश के जरिए बैंक के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने वाले खरीदार बिना किसी सरकारी मदद के पूरी तरह से आत्मनिर्भर होकर पहले की तुलना में ज्यादा बिजनेस कर पाने में सफल रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैंक के रणनीतिक विनिवेश के जरिए मिलने वाली रकम का इस्तेमाल विकास कार्यक्रमों को पूंजी उपलब्ध कराने में किया जाएगा।