बाड़मेर। देशभर में कोरोना (COVID-19) से हाहाकार मचा हुआ है. इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएं भी सामने आ रही हैं कि उन्हें देख और सुनकर शरीर काम करना बंद कर देता है। ऐसी ही एक घटना हुई है पश्चिमी राजस्थान(Rajasthan) के बाड़मेर जिले (Barmer District) में. यहां कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते पिता की मौत हुई इससे उनकी बेटी इतनी आहत हो गई वह पिता की जलती चिता में कूद पड़ी(Daughter also jumped in funeral pyre). आनन-फानन में उसे चिता से बाहर निकाला गया. लेकिन तब तक वह करीब 70 फीसदी तक जल चुकी थी. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी बाड़मेर जिले (Barmer District) में मंगलवार को दोपहर में दिल दहला देने वाली यह घटना सामने आई. बाड़मेर (Barmer) के जिला मुख्यालय पर स्थित रॉय कॉलोनी निवासी दामोदर दास शारदा की कोविड-19 की वजह से मौत हो गई थी. घरवालों ने जिला मुख्यालय के श्मशान घाट पर उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी की. चिता को मुखाग्नि दी गई. परिजन पास में बैठकर चिता को देखने लगे. इस दौरान दामोदरदास की बेटियां भी वहां मौजूद थी.
अचानक दामोदर दास की 30 साल की बेटी चंद्रा शारदा ने जलती चिता में छलांग लगा दी. यह देखकर वहां मौजूद अन्य परिजनों के हाथ पांव फूल गये. लेकिन चन्द्रा की बड़ी बहिन 35 वर्षीय पिंकी उसे चिता से निकालने में जुट गई. लेकिन जब तक चन्द्रा को चिता से निकाला गया तब तक वह 70 फीसदी से अधिक जल चुकी थी. परिजनों ने उसे तुंरत राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया. 70 फीसदी से अधिक जल जाने के कारण चंद्रा की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. श्मशान घाट विकास समिति के भैंरू सिंह फुलवरिया ने बताया कि दामोदरदास के परिजनों ने श्मशान घाट विकास समिति से उलझकर यहां अंतिम संस्कार किया. उन्होंने जहां कोविड संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार होता है वहां न करवाकर सार्वजनिक श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया. उसके बाद अचानक उनकी बेटी जलती चिता में कूद गई. उसे हाथोंहाथ वाहन के जरिये अस्पताल पहुंचाया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद कोतवाली पुलिस अस्पताल के आपातकालीन वार्ड पहुंची. यहां पर चिकित्सकों से घायल के बारे में जानकारी ली. शहर वृताधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि घायल युवती बयान देने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में उसके ठीक होने का इंतजार किया जा रहा है. बहरहाल घायल युवती का बाड़मेर के राजकीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार कर उसे जोधपुर रैफर कर दिया गया है.