इंदौर। सवा महीने के बाद मानसून की हलचल शुरू हो जाएगी, इससे पहले बिजली कंपनी अपने तार खंबे ओर लाइनें चुस्त-दुरुस्त करना होती है, वहीं बिजली लाइन के पास पेड़ों की छंटाई भी इसमें एक प्रमुख काम रहता है। कोरोना संक्रमण (Corona Virus)इस दौर में कंपनी प्री मानसून मेंटेनेंस (Pre Monsoon Maintainance) का काम शुरू कर दिया है इस बार सामूहिक बड़े स्तर पर उपभोक्ताओं को सूचना नहीं मिलने से वह सुबह-सुबह बत्ती गुल से अक्सर परेशान रहते हैं।
प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर (Indore) में बिजली कंपनी का प्री मानसून मेंटेनेंस शुरू हो चुका है सुबह 6 से 10 के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में बत्ती गुल होना शुरू हो गई है दरअसल संक्रमण के दौर में बिजली कंपनी का मेंटेनेंस होम आइसोलेशन (Home Isolation) के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा दिक्कत वाला हो रहा है।
घरों पर इलाज लेने वाले मरीजों में जिनको ऑक्सीजन लग रही है और जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन लेवल (Oxygen Level)मेंटेन कर रहे हैं उन मरीजों बत्ती गुल होने के कारण बेहद दिक्कत का सामना करना पड़ता है इसके साथ में ही संक्रमित मरीज गर्मी के इस दौर में पसीना-पसीना हो रहे हैं, जिस क्षेत्र में मेंटेनेंस (Maintainance) हो रहा है, वहां पर सुबह के समय लाइट जा रही है शहर अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव का कहना है कि सवा से डेढ़ महीने में मानसून दस्तक दे देगा और इससे पहले बिजली के जंपर और तार को ठीक करना जरूरी है।
इसके साथ में बिजली लाइनों (Electricity Lines) के आसपास की ट्री कटिंग यानी पेड़ों की छंटाई बेहद जरूरी है, जिससे कि बारिश के समय फाल्ट की स्थिति से बचा जा सके। श्रीवास्तव ने कहा कि संक्रमण (Infection)के दौर में बड़े स्तर पर मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा, लेकिन जहां पर अत्यावश्यक है और फीडर अनुसार सुबह ढाई से 3 घंटे के लिए सप्लाई बंद कर मेंटेनेंस के काम किए जा रहे हैं।
मंगलवार को मुसाखेड़ी और मध्य क्षेत्र कि कुछ कॉलोनियों (Colonies) में मेंटेनेंस का काम चल रहा है। दरअसल कोरोना संक्रमण के दौर में बिजली कंपनी का प्री मानसून मेंटेनेंस संक्रमितों के लिए संकट खड़ा कर रहा है। पहले बिजली कंपनी के मेंटेनेंस की सूचना आमजन को वुहद स्तर में पहुंचा दी जाती थी, लेकिन इस बार बिजली कंपनी (Electricity Company) जहां मेंटेनेंस हो रहा है, उन उपभोक्ताओं को भी प्रॉपर सूचना नहीं पहुंचा पा रही है। इसलिए भी लोगों को गर्मी के इस मौसम में परेशान होना पड़ रहा है, इसके जवाब में बिजली कंपनियां कहना है कि व्हाट्सएप ग्रुप (Whats app Groups) के माध्यम से सूचनाएं दी जा रही है, लेकिन कंपनी (Company) के द्वारा बनाए गए इन व्हाट्सएप ग्रुप में चंद लोग ही होते हैं।
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