नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के इस दौर में जीएसटी (GST) कानून के तहत करदाताओं को राहत देने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कई बड़े ऐलान किए गए हैं. सरकार ने GSTR-1, IFF, GSTR-4 और आईटीसी-04 को फाइल करने की समससीमा को बढ़ा दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद GSTR-1 भरने के लिए 15 दिन का समय और बढ़ा दिया गया है. GSTR-4 और आईटीसी-04 को फाइल करने की समससीमा को बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है. बता दें कि भारत का सकल जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल 2021 में 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपये से अधिक के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय के एक बयान में यह जानकारी दी गई है.
रिकॉर्ड ऊंचाई पर जीएसटी कलेक्शन
देश के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाली कोविड (Covid) महामारी की दूसरी लहर के बावजूद, भारतीय उद्योग जगत (Indian Industry) ने एक बार फिर से रिटर्न फाइलिंग आवश्यकताओं का अनुपालन करते हुए महीने के दौरान समय पर अपने जीएसटी देनदारी का भुगतान किया है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के अनुसार, अप्रैल 2021 के महीने में सकल जीएसटी राजस्व रिकॉर्ड स्तर पर है. अप्रैल महीने में 1,41,384 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ है. इसमें से 27,837 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 35621 करोड़ रुपये एसजीएसटी, 68481 करोड़ रुपये आईजीएसटी (इसमें से वस्तुओं के आयात से 29,599 करोड़ रुपये) और 9445 करोड़ रुपये उपकर (इसमें से 981 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात से) से एकत्र किए गए हैं.
इस महीने सरकार ने आईजीएसटी के नियमित सेटलमेंट के तहत 29,185 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 22756 करोड़ रुपये एसजीएसटी का सेटलमेंट किया है. नियमित और तदर्थ सेटलमेंट के बाद केंद्र और राज्य सरकारों का अप्रैल 2021 में कुल राजस्व सीजीएसटी के रूप में 57022 करोड़ रुपये और 58377 करोड़ रुपये एसजीएसटी के रूप में रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद से अप्रैल 2021 के दौरान जीएसटी राजस्व पिछले माह मार्च की तुलना में बढ़कर अभी तक के उच्चतम स्तर पर है. पिछले छह महीनों में जीएसटी राजस्व में रिकवरी देखी जा रही है। उसी के अनुरूप, अप्रैल 2021 का राजस्व पिछले महीने मार्च, 2021 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक रहा है. अप्रैल में घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) में मार्च की तुलना में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
पिछले 7 महीने से जीएसटी राजस्व लगातार न केवल एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा आ रहा है, बल्कि उसमें लगातार बढ़ोतरी भी हो रही है. इस अवधि के दौरान निरंतर आर्थिक सुधार के ये स्पष्ट संकेत हैं. इसके अलावा जीएसटी, आयकर और सीमा शुल्क के आईटी सिस्टम और प्रभावी कर प्रशासन सहित कई स्रोतों से डेटा का विश्लेषण कर फर्जी बिलिंग और कड़ी निगरानी ने भी कर राजस्व में लगातार वृद्धि में योगदान दिया है. छोटे करदाताओं को राहत देते हुए तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया है. अब छोटे करदाताओं को हर तीन महीने में केवल एक रिटर्न दाखिल करना होता है. इसके अलावा आईटी सहायता के रुप में पहले से भरे जीएसटीआर 2 ए और 3 बी रिटर्न उपलब्ध हैं और आईटी क्षमता को बढ़ाने से भी करदाताओं को काफी राहत मिली है.
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