किल्लत वाली दवाई और इंजेक्शन मंहगे दामों में बेचने वाली दो गैंग धराई
सोशल मीडिया के माध्यम से मजबूर पहुंचते थे इनके पास
इंदौर।
विजय नगर पुलिस (Vijay Nagar police) ने अलग-अलग दो गैंग (gang) पकड़ी है। एक गैंग का नेटवर्क बड़ा बताया जा रहा है, जिसमें कुछ समाजसेवी महिलाएं (social women) भी जुड़ी हुई है। महिलाएं तो पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई, लेकिन इनके नाम आ गए। एक निजी अस्पताल (private hospital) के मैनेजर ने सोशल साइड पर ग्रुप बनाकर लोगों को कोरोना में दिए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन ((Remedisvir Injection), गोलियां ब्लैक में बेचे। ग्रुप तक पुलिस पहुंची तो पुलिसवाले ग्राहक बनकर गए और इन्हें पकड़़ लिया। दूसरी गैंग भी ऐसा ही कर रही थी। पुलिस का कहना है कि अब इस मामले की कई परतें खुलेंगी।
विजय नगर ( (Vijay Nagar) टीआई तहजीब काजी ने बताया कि खजराना के अजहर, साजिद और एक अन्य को गिरफ्तार किया है। अजहर लाइफ लाइन में मैनेजर था। उक्त अस्पताल फिलहाल बंद हो गया। अजहर के संबंध मेडिकल फिल्ड के लोगों से पुराने थे। उसने कोरोना संक्रमण में फिलहाल रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) सहित फेवी फ्लू गोली, एंटीबायोटिक इंजेक्शन और अन्य दवाईयां जिनकी बाजार में किल्लत है, की कालाबाजारी की। अजहर के संबंध समाजसेवी महिलाओं से भी है, उसने इनका भी सहारा लिया और इन्हें ग्राहकों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी। मजबूर और जरूरतमंद लोग समाजसेवा के नाम पर इन महिलाओं से संपर्क करते तो महिलाएं अजहर के पास इन्हें भेज देती। यहीं नहीं उसने (सोशल मीडिया ) वाट्सएप और फेसबुक पर लोगों को ये दवाईयां मुहैया कराने का भरोसा भी दिलाया। जिसके चलते उसके ग्राहकों की तादात बढऩे लगी। कुछ लोगों ने पुलिस को बताया कि अजहर मंहगे दामों में दवाईयां और इंजेक्शन बेच रहा है। पुलिस ने उसका वाट्सएप ग्रुप देखा और मरीज के परिजन बनकर संपर्क किया। 20 हजार में इजेक्शन का सौंदा किया और देने के लिए बुलाया और फिर पकड़ लिया। उसके पास से इंजेक्शन, दवाइयां भी जब्त की गई है। पुलिस का कहना है कि इस गैंग से बड़े खुलासे होंगे। अजहर अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों को नाम बता चुका है। जबकि उसके कुछ साथी गिरफ्त में है। पुलिस इस मामले में एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी गैंग धीरज और दिनेश की है। इसे भी पुलिस ने ग्राहक बनकर पकड़ा। धीरज की बहन एक बड़े अस्पताल से जुड़ी है। उसकी भूमिका भी जांच की जा रही है। यह लोग भी महंगे दामों में इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे थे।
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