डस्क। कोरोना महामारी के इस दौर में अब अस्पतालों में जाकर भी जिंदगी और मौत का कोई भरोसा नहीं है। आज शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में इलाज ना मिलने के कारण एक महिला ने अस्पताल के बाहर ही गाड़ी में दम तोड़ दिया। महिला को परिजन तमाम अस्पतालों में लेकर घूमते रहे लेकिन किसी भी अस्पताल ने महिला को भर्ती ने किया। परिजन डाक्टरों के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन डाक्टरों का दिल नहीं पसीजा। आरोप है कि महिला की मौत के बाद भी उन्हें किसी तरह की सहूलियत नहीं मिल सकी। तीन चार घंटे तक महिला का शव कार में ही पड़ा रहा। तीमारदारों में से ही उनके साथी ने पूरे घटनाक्रम और अस्पताल के रवैये का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
जानकारी के अनुसार, यह घटना गुरुवार की है। जहां अपने मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने गए चश्मदीद ने पूरी घटना बयां की है। मृतक महिला जागृति गुप्ता ग्रेटर नोएडा के बीटा 2 में रहती थी। वह वैष्णवी इंजीनियरिंग में काम करती थी। पिछले कुछ दिनों से जागृति की हालत ठीक नहीं थी। गुरुवार की सुबह उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया, जिसके बाद उसकी साथी और किराएदार ने उसे अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया।
वह उसे लेकर नोएडा के सभी अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया गया। न ही किसी डॉक्टर ने उसे देखा। थक हारकर वह जागृति को लेकर दोपहर करीब 12:30 बजे ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल पहुंचे। जहां जागृति की साथी बार-बार डॉक्टरों से गुहार करती रही कि एक बार चल कर उसे देख लें, क्योंकि उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही थी। लेकिन डॉक्टर नहीं माने। करीब 3 घंटे तक जागृति की साथी डॉक्टरों के पैर पड़ते रहे और मदद की गुहार लगाते रहे।
उधर बीमार जागृति बमुश्किल सांस ले पा रही थी, मगर लंबे इंतजार के बाद वह इस खोखले सिस्टम का शिकार हो गई। कार में तड़पते हुए उसकी जान चली गई। बदहवास जागृति की साथी ने डॉक्टरों से बताया कि उसकी हालत बेहद नाजुक है, उसकी सांस थम गई है तब डॉक्टर बाहर आए, जांच करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया, मगर उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिम्स के बाहर सड़क पर खुली कार में एक कोविड-19 का शव घंटों तक पढ़ा रहा। जिसकी किसी ने सुध तक नहीं ली। जिम्स के डायरेक्टर रिटायर्ड ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि कल एक महिला को लाया गया था, लेकिन अस्पताल में एक भी बेड उपलब्ध नहीं था।
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