नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन(China) कुछ बदला सा नजर आ रहा है। भारत(India) में कोरोना की दूसरी लहर(Second Wave) ने जिस तरह से तबाही मचाई है उसे देखते हुए चीन(China) की तरफ से पिछले तीन दिनों से लगातार मदद की पेशकश आ रही है। अब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chinese President Xi Jinping) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिख कर भारत(India) के हालात पर ना सिर्फ अपनी गहरी संवेदना प्रकट की, बल्कि इस लड़ाई में भारत(India) के साथ खड़े होने की इच्छा भी जताई।
यही नहीं भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें कोरोना महामारी(Corona Pandemic) के खिलाफ सहयोग के तमाम आयामों पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी (PM Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chinese President Xi Jinping) के बीच मई 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव फैलने के बाद पहली बार किसी भी तरह से संवाद हुआ है। उसके पहले नवंबर 2019 में चेन्नई के पास इन दोनों के बीच अनौपचारिक बैठक हुई थी।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chinese President Xi Jinping) ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर काफी चिंतित हूं। चीन की जनता, चीन की सरकार और मैं अपनी तरफ से भारत की जनता व सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मानवता का साझा भविष्य ही संभव है। सिर्फ एकजुटता और सहयोग भाव से ही हम मिल कर इस महामारी को हरा सकते हैं। चीनी पक्ष भारतीय पक्ष के साथ इस लड़ाई में सहयोग करने को तैयार है। मुझे भरोसा है कि भारत सरकार के नेतृत्व में भारत की जनता इस महामारी से निश्चित तौर पर उबर जाएगी। मालूम हो कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी इसी भाव का पत्र गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखा था। जयशंकर ने चीन से चार्टर विमानों की उड़ानों को अनुमति देने का आग्रह किया है, जिस पर चीन ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। इन विमानों की उड़ानों की अनुमित मिल जाने से चीन से सहायता सामग्री को भारत लाने में आसानी होगी। जयशंकर ने ट्विटर पर बताया कि हमारे बीच मौजूदा हालात में सप्लाई चेन को बनाए रखने में चार्टर फ्लाइट के महत्व पर बात हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है, जिसका मैंने स्वागत किया है। कोविड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर भी हमारे बीच बात हुई है। जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच एलएसी की स्थिति और वहां से सैनिकों की पूर्ण वापसी को लेकर मास्को में बनी सहमति पर भी बात हुई है, ताकि वहां पूर्ण तौर पर अमन व शांति स्थापित हो सके। हम इस बारे में आगे भी बातचीत जारी रखेंगे।