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    Niwari Collector ने Covid मरीजों के घरों पर लगवाए ताले

  • April 30, 2021

    • सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए तो फिर खुलवाए

    भोपाल। निवाड़ी कलेक्टर आशीष भार्गव (Niwari Collector Ashish Bhargava) के बेतुके फरमान की वजह से मप्र सरकार (MP Government) के खिल्ली उड़ रही है। कलेक्टर ने निवाड़ी के कोरोना संक्रमित (Corona Infected) मरीजों के घरों क बाहर ताले लगवा दिए। मरीजों के घरों से बाहर किसी को भी निकलने की अनुमति नहीं थी। जबकि घरों के बाहर ताला लगवाने का मामला सरकार तो पहुंचा तो फिर ताले खुलवा दिए हैं। अग्निबाण (Agniban) से पूछताछ में कलेक्टर (Collector) ने इंकार किया है।
    निवाड़ी (Niwari) के 4 वार्डों में सर्वाधिक पाजिटिव मरीजों (Positive Patients) की संख्या होने के कारण कलेक्टर आशीष भार्गव (Collector Ashish Bhargava) ने बाकायदा नगर परिषद सीएमओ आरएस अवस्थी (CMO RS Awasthi), तहसीलदार अनिकेत चौरसिया (Aniket Chaurasia) एवं अन्य अफसरों की बैठक में कोविड मरीजों (Covid Patients) के घर के बाहर ताला लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगर पारिषद अमले ने कलेक्टर के आदेश से अनुसार जो पॉजिटिव मरीज (Positive Patients) है उनके घरों में तालाबंदी की गई। नगर परिषद सीएमओ आरएस अवस्थी (CMO RS Awasthi) ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर चारों वार्डों में 16 गलियों को भी सील किया गया, जहां पर कोई भी व्यक्ति नहीं निकलेगा। उन्होंने बताया कि अमले के साथ व उनके परिजन बाहर अनावश्यक घूमते थे उनके 22 पाजिटिव मरीजों (Positive Patients) के घरों पर तालाबंदी की गई। इन घरों की चाबियों भी वार्ड प्रभारियों को सौंपी गईं। बाद में जब घरों की तालाबंदी का मामला मीडिया (Media) में उछला तो कलेक्टर के इस आदेश की जमकर किरकिरी हुई। आज सुबह ताले खुलवा दिए हैं। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि यह मामला सरकार तक पहुंच गया है। इस संबंध में कलेक्टर ने अपना मौखिक स्पष्टीकरण भी दे दिया है। जिसमें बताया कि बाहरी लोगों को कोरोना संक्रमितों (Corona Infected) से मिलने से रोकने के लिए ताला लगाए गए थे।

    22 घरों को बंद किया
    कलेक्टर के बेतुके फरमान से 22 घरों के लोगों को ताला लगाकर बंद किया गया। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर इन घरों में बंद किसी भी व्यक्ति को किसी भी समय कोई आपात स्थिति का सामना करना पड़े तो वो बाहर कैसे निकलेगा?

    बिना अपराध नजऱबंद करना अपराध
    एडवोकेट आरके मिश्रा का कहना है कि बिना किसी उचित कारण के किसी को भी इस तरह नजऱबंद नहीं किया जा सकता। ऐसी दशा में परिवार के अन्य लोगों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के अवसर प्राप्त होंगे। कलेक्टर की कार्यवाही भारतीय दंड संहिता की धारा ३४२ के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में है। यह कार्यवाही आगे जाकर या धारा 344 और 345 को भी कवर करेगी।

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