रवीन्द्र जैन
भोपाल। यह मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सबसे बड़ा तमाचा है। प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) अपने विधानसभा (Vidhan Sabha) क्षेत्र गढ़ाकोटा में अपने निजी संसाधन से कोविड सेंटर (Covid Center) संचालित कर रहे हैं। उन्हें अपने कोविड सेंटर (Covid Center) के लिए आवश्यक दवाएं भी ब्लैक (Black) में ही नहीं बल्कि दुगनी कीमत पर खरीदनी पड़ रही हैं। कोविड सेंटर (Covid Center) के लिए डॉक्टर व अन्य स्टॉफ भी मंत्री जी ने अपने परिवार की ओर से नियुक्त किए हैं।
शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) में दूसरे नंबर से सबसे वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) अपने विधानसभा क्षेत्र के कोरोना मरीजों के लिए सरकार के भरोसे नहीं हैं। उन्होंने गढ़ाकोटा में अपने संसाधन से कोविड सेंटर (Covid Center) बना लिया है। गुरुवार को उनके बेटे अभिषेक भार्गव (Abhishek Bhargava) ने इस कोविड सेंटर (Covid Center) में मरीजों के लिए 1000 फेविफ्लू (Faviflu) नामक टेबलेट ब्लैक में खरीदी हैं। स्वयं अभिषेक (Abhishek) ने फेसबुक (Facebook) पर लिखा है कि फेविफ्लू कोरोना संक्रमण (Faviflu corona infection) के लिए उपयोगी टेबलेट है। जबसे डॉक्टरों ने इसे लेने की सलाह दी है तब से यह टेबलेट रेमडिसिवीर इंजेक्शन (Remdisivir Injection) की तरह बाजार से गायब हो गई है। अभिषेक (Abhishek) ने लिखा है कि 400 एमजी की फेविफ्लू टेबलेट (Faviflu Tablet) 6 दिन तक यदि मरीजों को दी जाए तो वह जल्दी ठीक हो जाते हैं। 6 दिन में कुल 29 टेबलेट मरीज को दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने छोटे भाई की मदद से लगभग दोगुनी किमती 100 रुपए प्रति की दर से 1000 टेबलेट खरीद ली हैं और 2000 टेबलेट की जुगाड़ और हो रही है।
डॉक्टर के लिए दिया था विज्ञापन
इसके पहले गोपाल भार्गव और उनके बेटे ने कोविड सेंटर में डॉक्टर की नियुक्ति के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी किया था। उन्होंने 2 लाख रुपए प्रतिमाह अपनी जेब से देने का ऑफर भी किया था। अब गोपाल भार्गव ने कोविड सेंटर में काम करने वाले मेडिकल स्टॉफ को भरोसा दिलाया कि यदि वे सेंटर में संक्रमित होते हैं तो देश के बड़े अस्पताल में उनका इलाज भार्गव के परिवार की ओर से कराया जाएगा।
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