नैनीताल। उत्तराखंड में कोरोना संकट के समय में कोविड 19 के संदिग्ध मरीज़ों की टेस्टिंग को लेकर घमासान की स्थिति बनी हुई है। दूसरी तरफ राज्य में डॉक्टरों की कमी भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। इन दोनों ही स्थितियों को मद्देनज़र रखते हुए उत्तराखंड के हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए टेस्टिंग बढ़ाए जाने और राज्य के दंत विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद लेकर व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को आदेश देते हुए कहा कि देहरादून, हल्द्ववानी और हरिद्वार में रोज़ाना 30,000-50,000 आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाए जाएं। यही नहीं, डॉक्टरों की किल्लत से जूझ रहे राज्य को हाई कोर्ट ने यह आदेश भी साफ तौर पर दिया कि राज्य में रजिस्टर्ड 2500 डेंटिस्टों की मदद सरकार ले और कोरोना के संकट से लड़ाई बेहतर ढंग से लड़े।
प्राइवेट लैब की सेवाएं लेने का आदेश
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव को ओदश देते हुए हाई कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण व्यवस्था बनाते हुए कहा कि राज्य में संचालित प्राइवेट लैबों और अस्पतालों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत रजिस्टर किया जाना चाहिए और इनका इस्तेमाल आरटी-पीसीआर टेस्टिंग के लिए कुशल ढंग से किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही एएनआई के एक और ट्वीट के मुताबिक राज्य में कोरोना संक्रमण के जिन मरीज़ों को होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं, उनके संबंध में हाई कोर्ट ने राज्य को आदेश दिया कि ऐसे मरीज़ों को तमाम सुविधाएं देना भी राज्य की ज़िम्मेदारी है, जो सुनिश्चित की जाना चाहिए।
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