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    इंदौर में मात्र 1 हजार वैक्सीन डोज ही बचे, निजी अस्पतालों में तो खत्म

  • April 29, 2021

    ऑक्सीजन और इंजेक्शन में फिसड्डी केन्द्र सरकार अब वैक्सीनेशन में भी फ्लॉप … दो दिन में मात्र 8 हजार को ही लग सकेगी वैक्सीन
    इंदौर। दुनिया ने ही यह मान लिया कि भारत कोरोना प्रबंधन (India corona management) के मामले में चूक गया और यहां के नेता चुनावों में ही जुटे रहे। ऑक्सीजन (Oxygen) और इंजेक्शन (Injection) का तो देशभर में टोटा है ही और कई लोगों की मौत भी हो गई, तो वैक्सीन के विश्वगुरु बनने वाले भारत में अब उसका भी टोटा पड़ गया है। 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाना है, जबकि हकीकत यह हैै कि इंदौर में ही मात्र 1 हजार वैक्सीन (Vaccine)  डोज बचे हैं और शहर के सभी निजी अस्पतालों में तो खत्म भी हो गए। आज और कल दो दिन वैक्सीनेशन अभियान भी ठप रहेगा और 1 तथा 3 मई को मात्र 8 हजार लोगों को ही वैक्सीन (Vaccine)  लगाने का लक्ष्य शासन ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपा है। आज सिर्फ दो-चार उन अस्पतालों में ही वैक्सीन लगेंगे जिनके पास गिनती के डोज बचे हैं। कीमतों को लेकर भी केन्द्र सरकार नाकाम रही और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में भी फटकार लगाना पड़ी और कल दिल्ली हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) के प्रोटोकाल में लेकर भी कड़ी फटकार लगाई।


    मध्यप्रदेश में साढ़े 3 करोड़ आबादी को वैक्सीन लगना है और इंदौर में यह आंकड़ा 20 लाख से अधिक का है। लेकिन अभी जो वैक्सीन (Vaccine) डोज की उपलब्धता की जानकारी सामने आ रही है उससे तो यह लगता है कि इतने लोगों को पता नहीं कब तक वैक्सीन लग पाएगी। कल पहले ही दिन 1 करोड़ 33 लाख लोगों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिए। इंदौर में ही यह आंकड़ा 4 हजार से अधिक का बताया गया है। दूसरी तरफ जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया से जब यह पूछा गया कि इंदौर में वैक्सीन के कितने डोज हैं, तो उन्होंने बताया कि फिलहाल तो एक हजार डोज ही वहीं 1 और 3 मई को 18 साल से अधिक उम्र के मात्र 1-1 हजार लोगों को और 45 साल से अधिक उम्र के 3-3 हजार लोगों को वैक्सीन (Vaccine) लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। यानी इन दो दिनों में मात्र 8 हजार वैक्सीन ही लग सकेंगे। वहीं संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. अशोक डागरिया का कहना है कि आज कुछ वैक्सीन डोज भोपाल से इंदौर सहित अन्य जिलों के लिए मिलेंगे, जिनका इस्तेमाल 1 और 3 मई के वैक्सीनेशन (Vaccination) में किया जाएगा। दूसरी तरफ वैक्सीनों की कीमतों को लेकर भी कई तरह की गड़बड़ी सामने आई है। केन्द्र सरकार को 150 रुपए में मिलने वाली वैक्सीन के दाम राज्य सरकारों के लिए दो गुना से ज्यादा और निजी अस्पतालों के लिए 10 गुना से अधिक कर दिए हैं। वहीं इन निजी अस्पतालों को कहा गया है कि वे सीधे कम्पनी से वैक्सीन हासिल करे। अब सवाल यह है कि इंदौर के कितने निजी अस्पताल कम्पनी से ये वैक्सीन हासिल कर पाएंगे और कब लोगों को ये वैक्सीन लगेगी..? फिलहाल तो प्रदेश शासन ने 45 लाख डोज का ही ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट को दिया है और लगभग 30 लाख डोज केन्द्र से मिलेंगे। यानी 75 लाख डोज साढ़े 3 करोड़ 18 से 45 साल की उम्र के लोगों के लिए भी कम साबित होंगे, जबकि दूसरा डोज भी लाखों को लगवाना है और कई लोग तो अभी पहले डोज से भी वंचित हैं। कल 77 हजार प्रदेश के लोगों ने 18 से 45 साल की उम्र ने रजिस्ट्रेशन करवाए, जिसमें इंदौर से 4 हजार से अधिक लोगों के पंजीयन हुए। अब यह संख्या रोजाना बढ़ेगी ही। लेकिन डोज की कमी के चलते रजिस्ट्रेशन करा रहे लोगों का नम्बर कब आएगा यह निश्चित नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि रजिस्ट्रेशन के बाद जब वैक्सीन लगना है उसका संदेश मोबाइल पर प्राप्त होगा, जिसमें तारीख के साथ किस सेंटर पर वैक्सीन लगेगा इसकी जानकारी दी जाएगी। कुल मिलाकर वैक्सीनेशन (Vaccination)  के मोर्चे पर भी मोदी सरकार फ्लॉप सबित हुई है।


    आज और कल वैक्सीनेशन अभियान भी रहेगा ठप
    कुछ दिनों पहले तक वैक्सीनेशन (Vaccination)  अभियान ने अच्छी-खासी गति पकड़ ली थी और कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) की पहल पर वैक्सीन (Vaccine)  महोत्सव भी मनाया गया और रोजाना 30 से 40 हजार तक वैक्सीन 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगने लगी। मगर अभी संक्रमण बढऩे के कारण प्रशासनिक मशीनरी उसी में जुट गई। लिहाजा वैक्सीनेशन का काम भी प्रभावित हुआ और अब आज और कल तो वैक्सीन ही नहीं लगाया जा रही है, जिसका असल कारण डोज ही उपलब्ध होना नहीं है। जबकि इसका कारण 1 मई से होने वाली वैक्सीनेशन की तैयारी को बताया जा रहा है।


    20 माह लग जाएंगे 20 लाख आबादी के वैक्सीनेशन में
    अभी 1 और 3 मई को 8 हजार वैक्सीनेशन (Vaccination) चलाने का अभियान शुरू किया गया है और 2 मई को रविवार के कारण वैक्सीन नहीं लगेगी। फिलहाल जो वैक्सीन (Vaccine)  की उपलब्धता की जानकारी सामने आ रही है उससे तो ऐसा लगता है कि इंदौर में ही जो 20 लाख से अधिक आबादी को वैक्सीन लगना है उसमें इस सुस्त रफ्तार के चलते तो 20 माह लग जाएंगे, क्योंकि अभी दो दिन में 8 हजार वैक्सीन लगवाई जा रही है। यानी महीनेभर में लगभग 1 लाख वैक्सीन ही लगेगी। इस हिसाब से 20 महीने में भी वैक्सीनेशन का यह अभियान पूरा नहीं हो सकेगा।

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