बेंगलुरु । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा (Former PM HD Deve Gowda) से बात की है. दरअसल, देवगौड़ा ने पीएम मोदी को कोरोना वायरस को लेकर (Wrote a letter about corona virus) एक पत्र लिखा था. जिसके बाद पीएम मोदी ने उनसे बात की.
देवगौड़ा ने ट्वीट किया, ‘आदरणीय पीएम ने कुछ मिनट पहले मुझे बताया है कि उन्होंने मेरा लेटर ध्यान से पढ़ा है. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह मेरे सुझावों को आगे बढ़ाएंगे. मैं उनकी चिंता और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं. हमें महामारी को खत्म करने के लिए साथ काम करने की जरूरत हैं.’
Hon’ble PM @narendramodi avaru spoke to me a few mins ago to tell me that he had read my letter on Covid carefully. He also assured me that he will take forward my suggestions. I thank him for his concern & quick response.We need to work together to defeat the pandemic.@PMOIndia
— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) April 26, 2021
बता दें कि जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि जनसभाओं को अगले छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री को संक्रमण रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘जिन राज्यों में इस महीने चुनाव हुए हैं वहां पर चुनावी जीत के जश्न में कटौती करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. चूंकि, किसी भी राज्य विधानसभा का कार्यकाल मई के बाद समाप्त नहीं हो रहा है, इसलिए सभी उपचुनाव और स्थानीय निकाय चुनावों को छह महीने के लिए स्थगित किया जाना चाहिए.’
पूर्व पीएम ने कहा कि इस अवधि के दौरान निर्वाचन आयोग सुरक्षित चुनाव के लिए नए नियम बना सकता है और साथ-साथ टीकाकरण अभियान की गति भी बढ़ाई जा सकती है. देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि महामारी को नियंत्रित करने और टीकाकरण विस्तार के लिए उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार के जरिए लिए जाने वाले सभी सकारात्मक फैसलों और पहलों की वह समर्थन करेंगे.
पूर्व पीएम ने कहा कि स्वास्थ्य प्रशासन और कोविड-19 प्रबंधन का तुंरत विकेंद्रीकरण करना होगा. उन्होंने कहा कि राज्यों की राजधानी में राज्य स्तरीय वाररूम काफी नहीं है बल्कि यह सभी जिला मुख्यालयों में होना चाहिए. देवगौड़ा ने कहा कि मौजूदा ध्यान बड़े शहरों पर है लेकिन गैर शहरी जिलों और तालुका केंद्रों पर बड़ा खतरा है. गांवों पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.
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