आज का दिन रविवार (Sunday) है और हिंदू धर्म में इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें असाधारण क्षमताओं और दिव्य शक्तियों के साथ सबसे अहम देवताओं में से एक माना जाता है। इसके अलावा, वह पृथ्वी पर प्रकाश का प्रमुख स्रोत है और जीवन का समर्थक है। वहीं ज्योतिष (Astrology) में भी सूर्य का बहुत महत्व (Importance) माना गया है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। यह मनुष्य के जीवन में मान-सम्मान, पिता-पुत्र और सफलता का कारक माना गया है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं।
इस तरह से बारह राशियों में सूर्य एक वर्ष में अपना चक्र पूर्ण करते हैं। सूर्य को आरोग्य (Health) के देवता माने गये है। सूर्य के प्रकाश से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। सूर्य को प्रतिदिन जल देने से जातक को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। सूर्य देव (Sun god) की कृपा पाने और कुंडली में सूर्य की अनुकूलता बनाएं रखने के लिए प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
सूर्य ग्रह के 7 सरल मंत्र –
1. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
4. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
5. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
6. ॐ सूर्याय नम: .
7. ॐ घृणि सूर्याय नम: .
सूर्य देव को क्यों अर्पित किया जाता है जल
-कहते हैं कि सुबह-सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने से शरीर स्वस्थ रहता है। रोगों से मुक्ति मिलती है और दिन सुखमय गुजरता है।
-मान्यता है कि भगवान सूर्य की पूजा करने से पहले स्नान जरूर कर लेना चाहिए। स्नान करने से शरीर को रात के दौरान अर्जित सभी अशुद्धियों और नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। वहीं सुबह स्नान करना शरीर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और बीमार होने की संभावना को भी कम करता है।
-सूर्य देव की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य होता है। भगवान गणेश की पूजा करते समय, हम अपने माथे पर कुमकुम और मौली लगाते हैं। तिलक का आवेदन अपने आप में महत्वपूर्ण है और मानसिक एकाग्रता के लिए हमारी मदद करती है।
-कहते हैं कि सूर्य देव को तांबे के बर्तन से जल अर्पित करना चाहिए। ऐसे में रोशनी पानी से होकर जाती है और सूर्य की सात किरणों में विभाजित हो जाती है (जिसे सूर्य भगवान के सात घोड़े भी कहा जाता है)। ऐसा करने से शरीर की सारी नकारात्मकता पॉजिटिविटी (Positivity) में बदल जाती है।
-भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा करने के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता है। सुबह-सुबह भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से ध्यान शक्ति में बढ़ावा होता है। जब हम जल चढ़ाते समय सूर्य देव (Sun god) को देखते हैं, तो हमारी दृष्टि सूर्य पर केंद्रित होती है। इसके अलावा, यह आपकी आंखों को दिन के उजाले को स्वाभाविक रूप से समायोजित करने में मदद करती है।
-भगवान सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करने से स्वस्थ मन और शरीर के साथ साथ अनुशासित जीवन प्राप्त होता है।
-यह लोगों की भावनाओं और कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करता है। जल अर्पित करने से क्रोध, अहंकार, तनाव और शरीर को स्थिर करने में मदद मिलती है।
-सुबह आध्यात्मिक दिमाग काफी सक्रिय होता है जो गहरे ध्यान में मदद करता है । ध्यान हमें अपने कार्यों और लक्ष्यों को सठीक रखने और अधिक स्पष्टता और सकारात्मकता के साथ मूल्यांकन करने में मदद करता है ।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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