भोपाल। भोपाल के भदभदा विश्रामघाट पर पिछले 15 दिन में 1014 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार को रिकॉर्ड 118 शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। इनमें कोरोना संक्रमितों के 100 शव थे। 18 शव सामान्य थे। कोरोना संक्रमितों के 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे। सरकार के रिकॉर्ड में शनिवार को भोपाल में सिर्फ 5 मौतें कोरोना से होना दर्ज किया गया है।
सिर्फ भदभदा विश्रामघाट में शनिवार (24 अप्रैल) को जितने शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया, उतनी मौतें सरकारी रिकार्ड में 15 दिनों में होना दर्ज किया गया है। जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है। इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाएं भी 1 से 2 ट्रक लकड़ी यहां दे रहे हैं। शव के अंतिम संस्कार के आरक्षित सभी स्थान फुल होने के कारण विश्राम घाट के अध्यक्ष अरुण चौधरी और सचिव ममतेश शर्मा ने दाह संस्कार के लिए नए अस्थाई वैकल्पिक स्थान के रूप में विद्युत शवदाह गृह के कैंपस का चयन किया।
पिछली साल अधिकतम 10 से 12 शव ही आते थे
अरुण चौधरी के मुताबिक पिछले साल कोरोना के दौरान एक दिन में सबसे ज्यादा 10 से 12 शव ही आए थे। इसके बाद 20 से 22 मार्च के बाद 12 से ज्यादा डेड बॉडीज लाई गई थीं। 10 अप्रैल से अब तक हर दिन 50 से अधिक शव लाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल को सर्वाधिक 113 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था, जिसमें से 94 भोपाल के थे। लेकिन शनिवार को रिकार्ड 118 शव लाए गए थे। इसमें से 100 का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया। इसमें से 86 भोपाल और 34 अन्य जिलों के थे। इसके अलावा 18 सामान्य शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
इतिहास में पहली बार इतने अंतिम संस्कार
अरुण चौधरी ने कहा, जहां तक मुझे याद है कि विश्राम घाट के इतिहास में अब तक की यह एक दिन में अंतिम संस्कार की सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले भोपाल गैस कांड के समय एक दिन में 24 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। ममतेश शर्मा के मुताबिक जिला प्रशासन खास तौर पर भोपाल के डीएफओ हरिशंकर मिश्रा लकड़ी का इंतजाम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कलेक्टर अविनाश लवानिया और नगर निगम कमिश्नर चौधरी भी नियम जानकारी प्राप्त करते हैं।
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