कोरोना की बंदी या इंदौर के हजार से ज्यादा लोगों के साथ धोखा, जांच में होगा साफ
इंदौर। एक क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी (Credit Co-operative Society) में लगे मिले तालों ने इंदौर (Indore) के 1200 सदस्यों की सांसे ऊपर नीचे कर दी। सदस्यों की घबराहट की एक दूसरी वजह यह भी है कि सोसायटी के कर्ताधर्ताओं के मोबाइल बंद आ रहे है। एक डायरेक्टर (Director) के घर जाकर देखा तो वहां मौजूद गार्ड बता रहा है कि यह मकान तो वे बेचकर चले गए हैं। इसके बाद एरोड्रम थाने में इस मामले की शिकायत हुई है।
एरोड्रम थाना क्षेत्र ( Aerodrum Police Station) के अंर्तगत आने वाले साधना नगर (Sadhana Nagar) के संस्कार टॉवर में 2012 में जय जिनेंद्र क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी ( Jinendra Credit Co-operative Society) का दफ्तर खुला था। सोयासटी ने करीब इंदौर और उसके आसपास के 1200 लोगों को मेंबर बनाया था। जिसकी फीस 1200 रुपए रखी गई थी। बताया जा रहा है कि सोसायटी में दैनिक और मासिक जमा योजना के अलावा फिक्स डिपॉजिट, लोन सहित अन्य बैंकों में होने वाली गतिविधियां होती थीं। सोसायटी के मेंबर बने संस्कार टावर के अनिल रावत, सूर्यकांत कावरा, मनीष जैन और शैलेंद्र जैन (Shailendra Jain) निवासी विंद्याचल नगर ने अन्य सदस्यों के साथ रुपए जमा कराए थे। शैलेंद्र जैन (Shailendra Jain) की सोसायटी के दफ्तर के नीचे संस्कार पॉलिक्लिनिक है। बीते 1 अप्रैल से सोसायटी की गतिविधियां बंद है। शैलेंद्र का कहना है कि सोसायटी में फोन लगाकर पूछा तो किसी महिला रिसेप्शनिष्ट ने फोन उठाया, शैलेंद्र ने कहा कि इस बार कोई डेली कनेक्शन वाला नहीं आया। इस पर जबाव मिला कि ऑडिट चल रही है, 10 से 12 दिनों में वापस कलेक्शन शुरु होगा। 10-12 दिन बीत गए तो बैंक के मेंबर एक के बाद एक जमा होने लगे और सभी मिलकर बैंक पहुंचे। यहां बैंक के दोनों फ्लैटों में ताला लगा मिला। इसके बाद डायरेक्टरों को फोन लगाया तो उनके नंबर बंद मिले। मेंबर कुछ दिनों तक और शांत रहे, उन्हें लगा कि कोरोना कॉल चल रहा है, हो सकता है इसलिए बैंक बंद हो गई।
करोड़ों के गबन का आरोप, एरोड्रम पुलिस का यह है कहना
एरोड्रम पुलिस (Aerodrum Police ) का कहना है कि सोसायटी वालों द्वारा ताला लगाकर जाने की शिकायत मिली है, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल तो इस गबन माना जा रहा है। सोसायटी के सदस्य गबन का आकंड़ा करोड़ों में बता रहे है। लेकिन दूसरे पहलू भी जांच की जा रही है। वह यह है कि कोरोना के चलते ज्यादातर संस्थाए बंद है। हो सकता है यह संस्था भी इसी चक्कर में बंद है, लेकिन इस तरह ताले लगाकर गायब होना एक बड़े गबन की और इशारा कर रहा है। अगर गबन करना उनका मकसद नहीं है तो सोसायटी के कर्ताधर्ताओं को जिम्मेदारी पूर्वक सदस्यों और जमा कराने वालों से संपर्क कर उन्हें सोसायटी में ताला लगाने का कारण फोन पर बताना चाहिए ताकि उन्हें हकिकत का पता चल सके। अग्निबाण की ओर से यह नहीं कहा जा रहा है कि बैंक फरार है, क्योंकी यह पूरा मामला पुलिस जांच के बाद साफ होगा, लेकिन ऐसे एकाएक कर्ताधर्ताओं का भूमिगत होना और मेंबरों से संपर्क नही करना गैर जिम्मेदाराना है। कई मेंबरों की चिंताए इससे बढ़ी है कि अगर सोसायटी वाले किसी मुसीबत में सोसायटी में ताला लगाकर और मोबाइल बंद कर बैठे है तो उन्हें पुलिस या फिर कम से कम मेंबरों को इसकी सूचना देना चाहिए।
साहब तो बंगला बेचलकर चले गए…
बताया जा रहा है कि सोसायटी (Society) के सदस्य अनिल रावत सोसायटी के एक डायरेक्टर राजेश जैन के बंगाली चौराहे के समीप स्थित घर पहुंचे और वहां मौजूद गार्ड ने बताया कि साहब तो घर बेचकर चले गए। इसके अलावा सोसायटी में दूसरे जिम्मेदारों के नाम अंतिम जैन का भी आता है। जैन के फ्लैट में यह सोसायटी चल रही थी। एडमिनिस्ट्रेशन का काम कोई गुप्ता मैडम देखती है, उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है।
सोसायटी (Society) के डायरेक्टर राजेश जैन से फोन पर बात की गई तो उनका कहना है कि सोसायटी बंद नहीं हुई है। न ही किसी तरह का गबन है। फिलहाल संक्रमित हूं। कोरोना के चलते दफ्तर बंद है। फिर से गतिविधियां चालू की जाएंगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved