इंदौर। प्रशासन (administration),नगर निगम व पुलिस की टीम द्वारा आज दूसरे दिन भी लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। सुबह मॉर्निंग वॉक (morning walk) पर निकले लोगों के साइकिल ( bicycle) की जहां हवा निकाली गई, वहीं फुटपाथ पर लगी दुकानें भी हटाई गई। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ निगम और प्रशासन की टीम सुबह से हर चौराहें पर तैनात रही। अन्नपूर्णा क्षेत्र में मॉर्निंग वॉक पर निकले 50 से अधिक साइकिल सवारों की साइकिल की हवा निकाली गई। इसके अलावा कई लोग पैदल मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, जिन्हें हिदायत देकर वापस लौटाया गया। शहर के कुछ क्षेत्रों में सडक़ किनारे कई लोग सब्जी की दुकानें लगाए थे, जिन्हें हटाया गया। इसके साथ ही चौराहों पर थानों की पुलिस और यातायात पुलिस ( traffic police) ने फालतू घुमने वालों की धरपकड़ की और उन्हें सिटी बस (city bus) में बिठाकर अस्थायी जेल भिजवाया। अधिकांश लोग बहाने बनाकर कार्रवाई से बचने का प्रयास करते नजर आए।
समझाईश देकर उठक-बैठक भी लगवाई
कोरोना कफ्र्यू (corona curfew) का पालन कराने के लिए सुबह से ही प्रशासन की टीम सडक़ पर उतर गई है। बेवजह सडक़ पर घूम रहे लोगों को समझाईश देकर उठक-बैठक भी लगवाई। आज सुबह मल्हारगंज, एरोड्रम व सदर बाजार क्षेत्र में 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल भिजवाया गया है। इनमें से कुछ मास्क नहीं पहने थे, वहीं कुछ लोग सडक़ पर निकलने का कारण सही ढंग से नहीं बता पाए। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि 30 अप्रैल तक यह सख्ती लागू रहेगी।
यात्रियों को ऑटो-टैक्सी ना मिलने से हुई परेशानी
जनता कफ्र्यू का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, जिसके चलते ऑटो टैक्सियों पर भी रोक लगाई गई और सिर्फ मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ही रिक्शाओं को ही छूट दी गई है, लेकिन रेल-बस और हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों को कल पहले दिन काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्हें सामान के साथ पैदल ही जाना पड़ा, क्योंकि कई लोगों के पास अपने खुद के चार पहिया वाहनों की सुविधा नहीं है।
शासन-प्रशासन ने वैसे तो दावा किया था कि यात्रियों के आने-जाने पर रोक नहीं रहेगी, लेकिन फिर भी निजी वाहनों से लेकर रिक्शाओं को भी रोका गया, जिसके चलते इंदौर ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के राजेश बिडकर और अन्य ने कलेक्टर से मांग की है कि रेलवे,बस, हवाई यात्रियों को भी उनके घर तक छोडऩे के लिए ऑटो रिक्शाओं को छूट दी जाए, क्योंकि कल पहले दिन लोगों को काफी परेशानी उठाना पड़ी। इससे जहां यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी। वहीं ऑटो रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी भी चलती रहेगी। अभी प्रशासन ने अपने आदेश में ऑटो रिक्शाओं का संचालन शहर में प्रतिबंधित कर दिया और सिर्फ मरीजों को ही अस्पताल तक पहुंचाने के लिए छूट दी गई है। आटो रिक्शा चालक महासंघ ने कलेक्टर से इस संबंध में ज्ञापन भी भिजवाया और साथ ही यात्रियों को हो रहे परेशानी से अवगत भी कराया है।
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