नई दिल्ली। देसी वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को लेकर दावा किया गया है कि यह देश में सामने आए दोहरे बदलाव वाले डबल म्यूटेंट वायरस (Double mutant virus) के खिलाफ भी कारगर है। इसके अलावा कोरोना(Corona) के कई विदेशी वैरिएंट्स(Many foreign variants) से भी बचाती है। कोवैक्सिन (Covaxin) को लेकर यह दावा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने किया। बता दें कि भारत समेत कई देशों में कोवैक्सिन(Covaxin) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। वहीं 60 अन्य देशों में मंजूरी के लिए बात चल रही है।
आईसीएमआर ने कहा कि जांच में पाया गया कि कोवैक्सिन ब्रिटेन, ब्राजील में पाए गए कोरोना वायरस से भी बचाव करती है। इसी तरह का प्रयोग देश में पाए गए डबल म्यूटेंट वायरस के साथ भी किया गया और नतीजे सकारात्मक रहे। बता दें कि कोवैक्सिन तीसरे फेज के अपने अंतरिम ट्रायल में हल्के से गंभीर कोविड19 संक्रमण को रोकने में 78 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
सरकार ने माना है कि कोरोना से बचने की वैक्सीन लगाने के बाद भी देश में संक्रमण के मामले सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद अगर संक्रमण हो भी रहा है तो वह ज्यादा गंभीर नहीं है। इस समय देश में कोविशील्ड और कोवैक्सिन लगाई जा रही हैं।
डॉ. भार्गव के मुताबिक, कोवैक्सिन लेने वाले 1.1 करोड़ लोगों में से 93,56,436 ने इसकी पहली डोज लगाई और इनमें से 4,208 में कोरोना का संक्रमण हुआ। संक्रमण का यह प्रतिशत 0.04 है। 17,37,178 ने दोनों डोज लीं और इनमें से 695 संक्रमित हुए। यह प्रतिशत भी 0.04 है। उन्होंने बताया कि इसी तरह कोविशील्ड लगवाने वाले 11.6 करोड़ लोगों में से 10,03,02,745 ने इसकी पहली डोज ली और इनमें से 17,145 में संक्रमण हुआ। यानी महज 0.02 लोग संक्रमण की चपेट में आए। इसी तरह 1,57,32,754 ने इसकी दूसरी डोज भी ली और इनमें से 5,014 संक्रमित हुए। यानी 0.03 प्रतिशत लोग संक्रमण की चपेट में आए। डॉ. भार्गव का कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों में भी संक्रमण तो हुआ है, लेकिन यह गंभीर प्रकृति का नहीं पाया गया।
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