पटना। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिका ‘Forbes’ में श्रीति (Sriti) को एशिया के 30 सबसे मेधावी लोगों में शामिल किया गया है, जिन्होंने अपने कार्य और शोध से समाज को कुछ दिया है. 30 साल से कम उम्र की कैटेगरी में श्रीति को इंडस्ट्री और मैन्यूफैक्चरिंग (Industry and Manufacturing) के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए यह सम्मान मिला है. गोरखपुर (Gorakhpur) की रहनेवाली श्रीति (Sriti)को दरअसल यह सम्मान खेती के वेस्टेज को बेहतर तरीके से प्रयोग करने पर मिला है. श्रीति ने पराली और धान की भूसी (Straw and paddy husk) से जो कोविड अस्पताल (Covid Hospital) तैयार किया है, वो इको फ्रेंडली के साथ कार्बनडाई ऑक्साइड मुक्त भी है. पटना से सटे फतुआ के मसाढ़ी गांव में श्रीति का यह अनोखा प्रयोग डेडिकेटेड कोविड अस्पताल पराली और धान की भूसी पर खड़ा है. इस अस्पताल में 50 बेड की क्षमता है और सभी 50 बेडों पर कोविड के मरीजों का अभी इलाज चल रहा है.
श्रीति का कहना है कि अगर सरकार का सहयोग मिले तो देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में यह प्रयोग वरदान साबित हो सकता है. वैसे भी पराली देश के 40 फीसदी एरिया में एक बड़ी समस्या भी है. श्रीति ने साल 2014 में बीटेक करने के बाद न्यूयार्क यूनिवर्सिटी से कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री भी हासिल की है. श्रीति से जुड़ी बहुत सारी कहानियां हैं, लेकिन पिछले साल मसाढ़ी में महज 80 दिनों में जो उन्होंने डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निर्माण किया है वो वाकई उन्हें बेहद खास बना देता है. अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टर भी मानते हैं कि श्रीति का यह प्रयोग वाकई सबसे अनोखा है. श्रीति जैसी बेटियां ना सिर्फ लड़कियों के लिए एक मिसाल हैं बल्कि दुनिया के पटल पर देश का शौर्य और सम्मान भी बढ़ा रही हैं.
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