नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के नए मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और इसके लिए ‘डबल म्यूटेंट’ वायरस (Double Mutant Virus) को जिम्मेदार बताया जा रहा है, जो ज्यादा संक्रामक है. कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट कर रहा है और इन्हीं म्यूटेशन्स के आधार पर कहा जा रहा है देश में कई स्ट्रेन सक्रिय हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि भारत में मुख्य रूप से अब तक कौन-कौन से वैरिएंट मिल चुके हैं और कितने खतरनाक हैं।
यूके वैरिएंट- B.1.1.7
ब्रिटिश कोरोना वैरिएंट, जिसे B.1.1.7 के रूप में जाना जाता है. वैज्ञानिकों की मानें तो ये वायरस, पुराने सभी कोरोना वायरस प्रकारों से 40 से 70 फीसद अधिक तेजी से फैलता है. इसके साथ ही यह मौत के जोखिम को लगभग 60 प्रतिशत बढ़ा देता है. ब्रिटेन में पहली बार पहचाने गए इस वायरस के जेनेटिक कोड में 23 म्यूटेशंस पाए जाते हैं.
ब्राजील वैरिएंट- P1
ब्राजील से शुरू हुए P1 वैरिएंट में कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को फिर से संक्रमित करता है. यह वैरिएंड बेहद संक्रामक और खतरनाक है. इसको लेकर रिसर्च अभी भी जारी है. E484K म्यूटेशन वाला ब्राजील वैरिएंट अमेरिका समेत यूरोप के कुछ और देशों में भी संक्रमण का कारण बना.
साउथ अफ्रीका वैरिएंट- B.1.351
साउथ अफ्रीका से शुरू हुआ यह स्ट्रेन को ज्यादा तेजी से फैलता है, जो कि E484K म्यूटेशन के साथ ही N501Y म्यूटेशन को भी कैरी करता है. यह स्ट्रेन ब्रिटेन समेत 20 देशों में पहुंच चुका है.
भारतीय वैरिएंट- B.1.617
भारत के इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस (E484Q और L452R) हैं. यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. भारत में फैल रहा डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने से बना है. बता दें कि L452R स्ट्रेन अमेरिका के कैलिफोर्निया में पाया जाता है, जबकि E484Q स्ट्रेन भारत में पाया जाता है. यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलता है.
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