आज चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की राम नवमी है और इस दिन मां दुर्गा के नौवे स्वरूप मां सिद्धिदात्री (Maa siddhidatri) की पूजा का विधान है । मान्यता है कि मां ने पृथ्वी को असुरों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए अवतार लिया था। कहा जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं (All wishes) भी पूरी हो जाती हैं। मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर (Lord Shankar) का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसके चलते इन्हें अर्द्धनारीश्वर (Ardha narishwar) भी कहा जाता है। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मंत्र, आरती …..
मां सिद्धिदात्री की की इस तरह करें पूजा :
आज नवरात्रि की नवमी तिथि (Ninth date) है और आज के दिन मां को विदा किया जाता है। इस दिन सुबह सवेरे उठ जाना चाहिए। फिर स्नान करने के बाद चौकी लगानी चाहिए। इस पर मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद मां को पुष्प अर्पित करें। मां को अनार का फल (Pomegranate fruit) चढ़ाएं। फिर नैवेध अर्पित करें। मां को मिष्ठान, पंचामृत और घर में बनने वाले पकवान का भओग लगाया जाता है। इस दिन हवन भी किया जाता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है।
मां सिद्धिदात्री का मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved