भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को फिर 148 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। शहर के सारे अस्पताल इस वक्त मरीजों से भरे हुए हैं। सीएम शिवराज ने कोरोना के पॉजिटिविटी रेट को कम करने के लिए कलेक्टरों को आदेश दिया है। 20 अप्रैल को सबसे ज्यादा अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट में 94, सुभाष विश्राम घाट में 40 किया गया।
जबकि झदा कब्रिस्तान में 14 शवों को दफनाया गया। सरकारी आंकड़ों में कोरोना से 5 की मौत बताई गई है। 19 अप्रैल को 123 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया था। 20 अप्रैल को सबसे ज्यादा मौत दर्ज की गई। यह आंकड़ा रोजाना शहर में कोरोना से मौत होने वाले शवों के अंतिम संस्कार के लिए तय किए गए भदभदा, सुभाष विश्राम घाट और झदा कब्रिस्तान से आ रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के कारण पूरे जबलपुर में कोहराम मचा हुआ है। एक साथ 79 चिताएं जलती देख शहर रो उठा। कहीं किसी घर में 6 बहनों का इकलौता भाई चल बसा, तो कहीं भाईयों की मौत हो गई। शहर की शायद ही ऐसी कोई गली या मोहल्ला हो, जहां से तनावभरी खबरें न आ रही हों। जानकारी के मुताबिक, दुबे परिवार सूखा सूरतलाई में रहता है।
इस परिवार का इकलौता बेटा और 6 बहनों में सबसे छोटा अर्पित(32) कुछ महीनों पहले ही मल्टीनेशनल कंपनी का जॉब छोड़कर परिवार के साथ रहने आया था। कुछ दिन पहले पता नहीं कैसे पिता उमाशंकर और अर्पित कोरोना संक्रमित हो गए। दोनों को विक्टोरिया अस्पताल में एक साथ भर्ती कराया गया। यहां अर्पित की हालत और गंभीर हो गई, तो उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
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