भोपाल। मध्यअ प्रदेश के भोपाल का हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) प्रदेश मे चर्चा का मुद्दा बना हुआ है। यहाँ रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने की बात झूठ निकली है। अब तक की जांच में पता चला है कि इंजेक्शन चोरी नहीं हुए थे, बल्कि उनकी हेराफेरी की गई थी। इसे छुपाने के लिए चोरी की झूठी कहानी गढ़ी गई थी। क्राइम ब्रांच के इन्वेस्टीगेशन (Investigation) में कई इंजेक्शन अस्पताल के स्टोर रूम (Store Room) से मिले हैं। । करीब 450 इंजेक्शन हमीदिया के स्टोर रूम में ही रखे मिले। गायब हुए इंजेक्शन जो नहीं मिले हैं उनकी तलाश जारी है। बता दे हमीदिया अस्पताल से 850 से ज़्यादा रेमडेसिविर के इंजेक्शन चोरी होने की खबर से हड़कंप मचा हुआ है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि हेराफेरी के पीछे ये कारण हो सकता है कि इन्हें या तो किसी वीवीआईपी (VVIP) तक पहुंचाने की तैयारी थी या फिर खुले बाज़ार में ज्यादा दामों में बेचा जाना था। उसी को छुपाने के लिए इंजेक्शन चोरी जाने की कहानी गढ़ी गई थी।
70 प्रतिशत स्टॉक का मिलान
गोपाल धाकड़, एडिशनल एसपी, क्राइम ब्रांच ने बताया कि जांच में रेमडेसिविर इंजेक्शन के 70 प्रतिशत स्टॉक का मिलान हो चुका है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि जब इंजेक्शन स्टोर रूम में ही मिल रहे हैं तो चोरी क्या हुआ है। दरअसल, इंजेक्शन के लाने और ले जाने का कोई रिकॉर्ड अस्पताल के स्टोर रूम में नहीं मिला है। इसी वजह से चोरी की शिकायत में मनगढ़ंत आंकड़ों के साथ FIR दर्ज करवा दी गई। अभी जो इंजेक्शन नहीं मिले हैं उनको लेकर क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है। इस मामले में रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग की बात भी सामने आ रही है।
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