नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona epidemic) के मद्देजनर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister, Narendra Modi) ने मंगलवार रात देश के नाम जो संबोधन दिया जिसमें उन्होंने कई अहम बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा है कि कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर ( second wave of Corona) तूफान बनकर आ गई है। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे पूरा अहसास है, जिन लोगों ने अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदना (condolences to the countrymen) व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि परिवार के एक सदस्य के तौर पर मैं आपके दुख में शामिल हूं। चुनौती बड़ी है, लेकिन हमें मिलकर अपने संकल्प और अपने हौंसले व तैयारी के साथ इसको पार करना है। साथियों अपनी बात को विस्तार देने से पहले मैं देश के सभी डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ (Doctors, Medical Staff, Paramedical Staff) हमारे सभी सफाई कर्मचारी भाई-बहन, एंबुलेंस के ड्राइवर, सुरक्षाबल, पुलिसकर्मियों की सराहना करता हूं। आप ने कोरोना की पहली लहर में भी अपना जीवन दांव पर लगाकर लोगों को बचाया था, आज आप इस संकट में भी अपना परिवार अपना सुख अपनी चिंता छोड़कर दूसरों का जीवन बचाने में जुटे हुए हैं।
एक श्लोक के हवाले से पीएम ने कहा- कठिन से कठिन समय में भी धैर्य नहीं खोना चाहिए, किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सही निर्णय लें, सही दिशा में प्रयास करें। किसी मंत्र को सामने रखकर आज देश दिन-रात काम कर रहा है। बीते कुछ दिनों में जो फैसले लिए गए हैं, जो कदम उठाए गए हैं, वो स्थिति को तेजी से सुधारेंगे। इस बार कोरोना के चलते देश के अनेक हिस्सों में ऑक्सीजन की डिमांड तेजी से बढ़ी है। इस विषय में तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है।एकेंद्र सरकार, राज्य सरकार, प्राइवेट सेक्टर सभी की कोशिश की है कि सभी जरूरतमंदों को ऑक्सीजन मिले। इसके लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जा रेह हैं। राज्यों में एक लाख नए सिलेंडर पहुंचाने हों, ऑक्सीजन रेल हो, हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, साथियों इस बार जैसे ही कोरोना के केस बढ़े, देश के फार्मा सेक्टर ने दवाइयों का उत्पादन और बढ़ाद िया है। आज जनवरी-फरवरी की तुलना में कई गुना ज्यादा दवाइयों का प्रोडक्शन हो रहा है। इसे भी और तेज किया जा रहा है। कल भी मेरी देश की फार्मा इंडस्ट्री के बड़े प्रमुख लोगों से बहुत लंबी चर्चा हुई है। प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए हर तरीके से दवाई कंपनियों की मदद ली जा रही है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश के पास इतना बड़ा मजबूत फार्मा सेक्टर है। जो बहुत अच्छी और तेजी से दवाइयां बनाता है। इसके साथ ही अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है। कुछ शहरों में ज्यादा डिमांड को देखते हुए बड़े और विशाल कोविड हॉस्पिटल्स बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत कम समय में कोरोना के वैक्सीन तैयार किये हैं। आज दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना वैक्सीन हमारे पास है। वैक्सीन्स की अप्रूवल और रेग्युलेटरी प्रोसेस को ट्रैक पर रखते हुए, सभी साइंटिफिक और रेग्युलेटरी मदद को बढ़ाया गया है। इसलिए ही हमारा भारत दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स के साथ दुनिया का टीकाकरण अभियान की शुरूआत कर सका। हमने ध्यान रखा कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में जरूरत मंदों को वैक्सीन पहुंचे। दुनिया में सबसे पहले वैक्सीन के डोज दिए गए। हमारा प्रयास है कि जीवन बचाने के साथ आर्थिक गतिविधियां कम से कम प्रभावित हों। वैक्सीनेशन को 18 वर्ष से ऊपर करने से शहरों में तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी। राज्यों और केंद्र सरकारों के प्रयासों से श्रमिकों को तेजी से वैक्सीन मिलने लगेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा राज्य सरकारों से अनुरोध है कि श्रमिकों का भरोसा बनाए रखें। उनसे आग्रह करें कि वे जहां हैं, वहीं बने रहे हैं। वे जिन शहरों में हैं, वहीं पर वैक्सीन भी लगेगी और काम भी बंद नहीं होगा। पिछली बार परिस्थितियां अब से बहुत अलग थीं। तब हमारे पास कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कोरोना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था। आप याद कीजिए कि कोरोना टेस्टिंग के लिए पर्याप्त लैब नहीं। हमारे पास पीपीई नहीं। हमारे पास कोई खास जानकारी नहीं। लेकिन बहुत कम समय में हमने इन चीजों में सुधार किया। आज हमारे डॉक्टरों ने कोरोना के इलाज में एक्सपर्टीज हासिल कर ली है। वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को बचा रहे हैं। आज हमारे पास पीपीई किट हैं। बड़ी संख्या में लैब हैं। हम लोग टेस्टिंग की संख्या को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा रहे हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री का कहना रहा कि देशवासियों ने अनुशासन और धैर्य के साथ लड़ते हुए यहां तक लाए हैं। जनभागीदारी के साथ हम कोरोना को परास्त कर पाएंगे। हम चारों और देख रहे हैं कि कैसे कई लोग, सामाजिक संस्थाएं लोगों की मदद में पूरे मनोयोग के साथ जुटे हुए हैं। मैं उन सभी के सेवाभाव को आदरपूर्वक नमन करता हूं। देशवासियों से अपील करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा आगे आकर जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाएं। समाज के पुरुषार्थ और सेवा के भाव से ही इस लड़ाई से जीत पाएंगे।
उनका कहना था कि युवा साथियों से अनुरोध है कि छोटी-छोटी कमेटियां बनाकर कोविड अनुशासन की पालना कराने में मदद करें। ऐसा करने पर सरकारों को कोई कंटेनमेंट जोन लगाने की जरूरत नहीं पडे़गी। लॉकडाउन तो दूर की बात है। स्वच्छता मिशन में बच्चों ने मेरी बड़ी मदद की थी। मैं अपने बाल मित्रों से कहना चाहता हूं कि वे ऐसा माहौल बनाएं कि घर के लोग बिना कारण बाहर नहीं निकलें। आपकी जिद बड़ी मदद कर सकती है। प्रचार माध्यमों से प्राऱ्थना है कि ऐसे समय लोगों को जागरुक करने में और प्रयास करें। ऐसे काम भी करें कि लोग डर और भ्रम के माहौल में ना आएं। हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करुंगा कि वे लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें। उससे बचने की पूरी कोशिश करनी है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ही काम करना है। हम देशवासियों की भी सेहत सुधारेंगे और अर्थव्यवस्था की भी सेहत सुधारेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, कल रामनवमी है। भगवान राम का ये ही संदेश है कि हम सभी मर्यादाओं का पलान करें। दवाई भी और कड़ाई भी, इस मंत्र को कभी भी नहीं भूलना है। ये मंत्र वैक्सीन के बाद भी जूरी है रमजान के पवित्र महीने का सातवां दिन है। रमजान अनुशासन, धैर्य की सीख देता है। कोरोना के खिलाफ जंग में अनुशासन की ही जरूरत है। जरूरी हो तभी बाहर निकलें। मेरा आप सभी से यही आग्रह है कि मैं आपको सिर्फ ये ही भरोसा देता हूं कि आपके साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ जुड़कर उन्हें बदलने में देश कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। आप सभी स्वस्थ रहें। आपका परिवार स्वस्थ रहे। मैं इसी के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं।
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