नयी दिल्ली । केंद्रीय उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने यूरिया विनिर्माताओं से आग्रह किया कि वे अपने परिसर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करें ताकि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आक्सीजन गैस की आपूर्ति को बढ़ाया जा सके।
मंत्री ने चिकित्सा ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए अपने चार संयंत्रों को समर्पित करने के लिए प्रमुख सहकारी संस्था, इफ्को का भी स्वागत किया।
पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 रोगियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के कारण कोविड-19 मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की खबरें मिल रही हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार को 10 राज्यों और दिल्ली के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर चिकित्सा ऑक्सीजन के मुद्दे पर चर्चा की।
गौड़ा ने कहा कि सरकार मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सभी उपाय कर रही है सहकारी प्रमुख उर्वरक कंपनी, इफ्को ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा में अगले 15 दिनों में लगभग 30 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र लगायेगी ताकि इसकी अस्पतालों में मुफ्त में आपूर्ति की जा सके।
मंत्री ने अन्य यूरिया कंपनियों से इफ्को के इस उदाहरण का अनुसरण करने और जहां भी संभव हो, ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने का आग्रह किया और कहा कि यह महामारी से पूरी ताकत के साथ एकजुट होकर लड़ने का समय है।
गौड़ा ने कहा कि कलोल में इफको का ऑक्सीजन संयंत्र प्रतिदिन 33,000 लीटर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन करेगा। मंत्री ने कहा, ”कंपनी की योजना तीन और ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना करने की है।”
इफको के प्रबंध निदेशक और सीईओ यू एस अवस्थी ने कहा, ”इफ्को अस्पतालों को 46.7 लीटर के आक्सीजन सिलेंडर मुफ्त में देगा।” अवस्थी ने कहा कि इफको अस्पतालों के लिये उनके द्वारा लाये गये खाली सिलेंडर को मुफ्त में भरकर देगी। यदि इफको के सिलेंडर ले जाये जाते हैं तो उन्हें इसके लिये सुरक्षा राशि जमा करनी होगी।
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