लंदन। भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी (Nirav Modi) के आखिरकार भारत आने (Extradition) का रास्ता साफ हो गया. सीबीआई (CBI) के मुताबिक British Home Department ब्रिटेन (Britain) के गृह मंत्री ( UK Home Minister) ने भगोड़े हीरा व्यापारी मोदी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को करीब 12 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाकर ( scam worth thousands of crores from Indian banks) लंदन में जाकर बैठने वाला मोदी वहां की कोर्ट में इस कदम से बचने की जुगत में लगा हुआ था. ब्रिटेन की अदालत में ये कानूनी लड़ाई करीब 2 साल तक चली थी. भारत लाने के बाद मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा.
कोर्ट ने यह भी माना था कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची. जमानत को लेकर नीरव मोदी के कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज कर दिए गए थे क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम रहा. नीरव ने बचने के लिए कोर्ट में मानसिक स्वास्थ्य का हवाला दिया था लेकिन कोर्ट ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में यह असामान्य बात नहीं है. जज ने बताया कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा दी जाएगी और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल भी की जाएगी. जज ने कहा कि नीरव मोदी को भारत भेजने पर आत्महत्या का कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके पास आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है.
फोर्ब्स के मुताबिक 2017 में नीरव मोदी की कुल दौलत करीब 11, 700 करोड़ रुपए थी. नीरव मोदी की कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है. मार्च 2018 में नीरव मोदी ने न्यूयॉर्क में बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के तहत याचिका दायर की थी. लंदेन की अदालतके इस फैसले के बाद नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. खास बात है कि मोदी के बाद सीबीआई ने उसके भाई निहाल मोदी पर भी शिकंजा कसा था. 25 फरवरी को ब्रिटेन की कोर्ट ने मोदी के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया था. आरोपी के लिए मुंबई स्थित आर्थर रोड जेल में खास सेल तैयार कराया गया है. एक जेल अधिकारी ने बताया गया कि भारत लाने के बाद मोदी को बैरक नंबर 12 के तीन सेल में से किसी एक में रखा जाएगा. ये हाई सिक्युरिटी बैरक है. आरोपी स्कॉटलैंड यार्ड की तरफ से जारी एक्स्ट्रेडिशन वारंट पर 19 मार्च 2019 के बाद से ही जेल में है.
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