नई दिल्ली । कोरोना (Corona) की चपेट में देश की आम जनता के साथ-साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल Central Armed Police Force (सीएपीएफ) के जवान भी आ गए हैं। सीएपीएफ (CAPF) ने 2,727 मामलों के साथ, पिछले तीन हफ्तों में अपने कर्मियों के बीच संक्रमण में वृद्धि देखी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के आंकड़ों के अनुसार, 23 मार्च को सीएपीएफ (CAPF Jawans) के 272 जवान संक्रमित थे, जिसके बाद संक्रमण के आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है।
सीएपीएफ के जवानों (Jawan ) में कोरोना वायरस मामलों की सबसे अधिक संख्या बीएसएफ में है। 23 मार्च को बीएसएफ के 59 जवान संक्रमित थे, जिनकी संख्या 14 अप्रैल तक 1,820 हो गई। 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी की तुलना करें तो पिछले 23 मार्च को 24 घंटे में 32 मामले सामने आए थे जबकि 14 अप्रैल को 24 घंटे में 577 मामले सामने आए, जिससे पता चलता है कि कोरोना की दूसरी लहर में स्थिति पहले से कहीं ज्यादा गंभीर है।
मई 2020 तक, कोविड-19 की पहली लहर के दौरान सीएपीएफ में 1,000 से अधिक जवान के संक्रमित होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। लेकिन इस साल अब तक सीएपीएफ के 16 जवानों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है, जिसमें से सात की मौत अप्रैल महीने में हुई है। सूत्रों ने बताया कि सीएपीएफ कर्मियों की कम उम्र और फिटनेस स्तर को देखते हुए, इनके बीच बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है, कोरोना से ठीक होने की दर अधिक है। 70 प्रतिशत से अधिक सीएपीएफ कर्मियों को अब तक टीका लगाया गया है।
बीएसएफ के जवानों के बीच पिछले एक सप्ताह में वायरस से संक्रमित कर्मियों का एक बड़ा हिस्सा उधमपुर, जम्मू और कश्मीर के प्रशिक्षण केंद्रों और मध्यप्रदेश के टेकनपुर में सामने आया है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि ‘उधमपुर केंद्र से इस सप्ताह 590 से अधिक जवानों के संक्रमित होने की सूचना मिली है।’ उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र में रहने वाले कोरोना की चपेट में जल्द आ जाते हैं क्योंकि पूरा बैच एक साथ रहता है, एक साथ खाता है और अपने सभी काम एक साथ करता है। इसलिए यदि कोई एक व्यक्ति संक्रमित होता है, तो यह तेजी से पूरे बैच में फैल सकता है।’
14 अप्रैल को 24 घंटे में 463 बीएसफ जवानों के संक्रमित होने के मामले सामने आए, जबकि 23 मार्च को इसकी संख्या आठ थी। बीएसएफ के बाद संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान हैं, जिसमें 14 अप्रैल को 431 सक्रिय मामले सामने आए, 23 मार्च को इसके 90 कर्मियों को संक्रमित होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि सीआरपीएफ में बुधवार को 260 सक्रिय मामले थे, जबकि 23 मार्च को यह संख्या 116 थी।
एक सूत्र ने कहा कि जवानों के संक्रमित होने की असली तस्वीर पश्चिम बंगाल चुनाव खत्म होने के बाद ही स्पष्ट होगी, क्योंकि राज्य में सीआरपीएफ के 50,000 से अधिक कर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
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