नई दिल्ली। देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन(Remdesivir Injection) की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने बुधवार को उत्पादक कंपनियों के साथ एक बैठक की। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Minister Mansukh Mandavia) ने राहत की खबर देते हुए कहा कि सरकार द्वारा इंजेक्शन(Remdesivir Injection) की प्रति माह 80 लाख डोज उत्पादन करने की मंजूरी दी गई है। इसका उत्पादन जल्द शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया गया है और निर्माता को मूल्य को कम करके 3500 रुपये से कम करने को कहा गया है।
वहीं रसायन और उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) के अनुसार रेमेडेसिविर (Remdesivir Injection) के 7 निर्माताओं की वर्तमान कुल क्षमता 38.80 लाख शीशी प्रति महीना है। छह निर्माताओं के लिए 10 लाख शीशी प्रति महीने की उत्पादन क्षमता वाले 7 और स्थलों की स्वीकृति दी गई। अन्य 30 लाख शीशी / महीने का उत्पादन भी क्रम में है। रेमडेसिविर (Remdesivir Injection) एक एंटी वायरल दवा है। इसका निर्माण हेपटाइटिस सी के इलाज के लिए किया गया था। लेकिन, बाद में इबोला वायरस के इलाज में इसका उपयोग किया गया। कोरोना वायरस (Corona Virus) के इलाज में प्रयुक्त शुरुआती दवाओं में रेमडेसिविर भी शामिल थी। वहीं केंद्र सरकार ने इस इंजेक्शन की किल्लत पर कहा कि चिकित्सकों को वायरस-रोधी दवा ‘रेमडेसिविर’ का ‘विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत’ उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही कहा कि इसे अस्पतालों में कोविड-19 के सिर्फ गंभीर रोगियों को ही दिया जाए, यह घर पर उपयोग के लिए नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ उन्हीं मरीजों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने और बाहर से ऑक्सीजन देने की जरूरत है। यह एक पूर्व शर्त है। घर पर और हल्के लक्षणों वाले संक्रमण के मामलों में इसके उपयोग का कोई सवाल ही नहीं है तथा इसे दवा दुकान से नहीं खरीदना है।