नई दिल्ली। कोरोना महामारी की बेकाबू रफ्तार के बीच भारत ने रूस के स्पूतनिक-वी टीके (Sputnik-V Vaccine)को इमरजेंसी में उपयोग की मंजूरी मिल गई है। रूस (Russia) के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट (Gamalaya Research Institute) ने इस टीके के 91.6 प्रतिशत असरदार होने का दावा किया है। देश में इस्तेमाल हो रही कोविशील्ड (Covishield) सिर्फ 80 प्रतिशत व कोवाक्सिन(covaxin) 81 प्रतिशत असरदार है। इसकी एक खुराक की कीमत 700 रुपये है।
भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदासेव ने स्पूतनिक-वी के इस्तेमाल की सिफारिश किए जाने को सही ठहराते हुए कहा कि यह कदम निश्चित रूप से कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में योगदान देगा।
-टीके की दो डोज 21 दिन के अंतराल पर लगेगी।
-टीके को 8 डिग्री सेल्सियस, फ्रीज के तापमान पर 2 महीने तक रखा जा सकता है। वैज्ञानिकों की कोशिश इसे छह माह करने की है।
60 से अधिक देशों में मंजूरी वाला दुनिया का पहला कोरोना टीका
रूस ने पिछले साल अगस्त में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसे सर्बिया, अर्जेंटीना, वॉलिविया समेत 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है।
एक खुराक भी 87.6 फीसदी सुरक्षा देने में सक्षम
22,000 लोगों पर अध्ययन
19,866 लोगों परखा गया असर
14,964 लोगों को लगाया गया टीका
4,902 लोगों को प्लेसिबो दिया गया।
60 वर्ष से अधिक उम्र के 2,144 लोगों पर हुए परीक्षण में भी इस वैक्सीन के बेहतर परिणाम मिले।
पहली डोज के 21 दिन बाद संक्रमण नहीं
-परीक्षण में पाया गया है कि टीके की पहली खुराक के बाद कम से कम 21 दिन तक संक्रमण का कोई भी मामला रिपोर्ट नहीं हुआ।
-परीक्षण में शामिल 94 फ़ीसदी लोगों में हल्के साइड इफेक्ट्स देखे गए जो वैक्सीन के असर का परिणाम है। चार लोगों की मौत भी हुई जिनका टीके से कोई संबंध नहीं था।
गंभीर लक्षण व मौतें रोकने में कारगर
-परीक्षण के नतीजों के अनुसार, स्पूतनिक-वी टीका कमी लक्षणों और संक्रमण से मौतों को रोकने में 100 फ़ीसदी कारगर है।
-उम्मीद है कि देश में बेकाबू महामारी को इस टीके से रोकने में मदद मिलेगी अभी भी जो टीके लग रहे हैं उनसे लोगों में संक्रमण की गंभीरता नियंत्रित होती दिखाई दे रही है।
-इस टीके की एक खुराक 87.6 फीसदी सुरक्षा देने में सक्षम है।
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