हरिद्वार। कोरोना (Corona) मामले को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख (Former Uttar Pradesh Chief Minister and SP chief) अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) रविवार को हरिद्वार में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज से मिलने पहुंच गए. इस मौके पर अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने उन्हें माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
आज हरिद्वार में नरेंद्र गिरि जी के आश्रम में उनके आशीर्वाद के कुछ सौभाग्यशाली क्षण। pic.twitter.com/bYrQBFgS8P
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 11, 2021
फोटो में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और महंत नरेंद्र गिरि महाराज के मुलाकात के दौरान और भी कई लोग नजर आ रहे हैं. जिसमें दो शख्स ने तो मास्क तक नहीं लगाया था. जाहिर है कि महंत नरेंद्र गिरि महाराज कोरोना पॉजिटिव(Mahant Narendra Giri Maharaj Corona Positive) पाए गए हैं. उन्हें आश्रम में ही आइसोलेशन में रखा गया है.
इतना ही नहीं समाजवादी नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खुद ही ट्वीट कर पुष्टि की है कि वो नरेंद्र गिरि महराज से मिले और उनका आशीर्वाद लिया.
ऐसे में अखिलेश यादव का महंत नरेंद्र गिरि महाराज से मिलना कई सारे सवाल खड़े कर रहा है. कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक अगर कोई शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे क्वारनटीन कर दिया जाता है. इस दौरान उसे किसी शख्स से मिलने की इजाजत नहीं होती है. इसके अलावा अगर कोई शख्स सामान पहुंचाने के लिए भी आता है तो वह बाहर दरवाजे पर छोड़कर चला आता है. जिससे कि संबंधित शख्स के संपर्क में ना आ सके.
कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक सामान्य जगहों पर भी मास्क लगाना अनिवार्य है. ऐसे में वहां मौजूद दो शख्स जो बिना मास्क लगाए ही वहां पहुंच गए थे यह सीधे-सीधे कानून को चुनौती देना है. सामान्य आदमी अगर इस तरह के कृत्य करता है तो उसके लिए जुर्माना लगता है. लेकिन अगर कोई राजनीतिक शख्स, जो की सूबे का मुख्यमंत्री भी रह चुका हो, उसके द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना ना केवल नियमों की अनदेखी करना है बल्कि अपने साथ-साथ औरों की जिंदगी को भी जोखिम में डालने जैसा है.
कोरोना महामारी के दौर में लोगों ने देखा कि कैसे लोग अपने परिजनों के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो पाते हैं. ऐसे में अखिलेश यादव जैसे नेताओं द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाना ना केवल कानून की अनदेखी बल्कि बीमारी को लेकर लोगों को गलत संदेश देने का भी अपराध है. अगर सम्माननीय लोग इस तरह का अपराध करेंगे तो फिर आम लोगों से नियमों की अनदेखी नहीं करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved