एक ओर चीन (China) अपने यहां गरीबी पूरी तरह से खत्म हो जाने का दावा कर रहा है, तो दूसरी ओर वहां भिखारी (Beggar) ज्यादा आधुनिक होते जा रहे हैं. वे ई-वॉलेट (e-wallet) के जरिए भीख मांगते हैं और लगभग हर महीने हजारों रुपए कमा रहे हैं. चूंकि चीन में तकनीक काफी उन्नत है तो लोग कैश की बजाए आमतौर पर कार्ड लेकर चलते हैं. ऐसे में भिखारी (Beggar) लोगों से पैसे नहीं मांग पाते थे, यही देखते हुए उन्होंने मांगने का तरीका बदलते हुए खुद को डिजिटल (Digital) बना लिया.
चीन के भिखारियों का जिक्र क्यों आ रहा है?
इसकी वजह है भारतीय अदालत में आई एक याचिका. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र समेत कुछ राज्यों से एक याचिका पर जबाव मांगा है. याचिका में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से हटाने के निर्देश देने की बात कही गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर भीख मांगना अपराध हो जाएगा तो लोगों के पास वाकई में क्रिमिनल बन जाने या भूखे मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.
कोर्ट ने इन राज्यों से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से हटाने की इस याचिका पर 5 राज्यों से जवाब मांगा है. इन्हें 3 हफ्ते में जवाब देना होगा. जिन राज्यों से जवाब मांगा गया है वो हैं- बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा. बता दें कि साल 2011 की जनगणना में देश में भिखारियों की कुल संख्या 4,13,670 बताई गई थी, जो अब बढ़ी ही है.
इधर, चीन में डिजिटल क्रांति के बीच भिखारी भी आधुनिक हो चुके हैं. वे अपने साथ ई-पेमेंट की सुविधा लिए चलते हैं ताकि कोई छुट्टे पैसे न होने का भी बहाना न कर सके. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में इस बारे में विस्तार से बताया गया है. वे QR कोड के साथ एक पेपर लिए रहते हैं और इसे लेकर वे शहर के पर्यटन स्थलों या शॉपिंग मॉल जैसी जगहों पर खड़े हो जाते हैं. ऐसी जगहों पर काफी सैलानी और स्थानीय लोग भी आते रहते हैं. ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा भीख मिल पाती है.
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