आज का दिन शनिवार (Saturday) है और शनिवार का दिन विशेष रूप से कर्मों का फल देने वाले शनिदेव (Shani Dev) की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है । आज के दिन शनिदेव की पूजा संपूर्ण विधि विधान से पूजा की जाती है । शनिदेव की पूजा करने से सभी कष्टों (Pain) से मुक्ति मिलती है। शनि देवता को न्याय का देवता कहा जाता है। कोई भी बुरा कार्य उनसे नहीं छिपा है। मान्यता है कि शनिदेव हर एक बुरे काम का फल मनुष्य को जरूर देते हैं। इसीलिए उनकी पूजा का विशेष महत्व (Special importance) है। पूर्ण नियमानुसार पूजा और व्रत (Vrat) करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी होता है नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं। इसके अलावा उनकी पूजा करते समय भी कई तरह की बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
शनिवार के उपाय
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार शनिदेव की पूजा करते समय कुछ नियमों को ध्यान जरूर रखें। व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठें और स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर हनुमान जी (Hanuman ji) और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ (Ficus tree) पर चढ़ाएं। इसके बाद शनिदेव की प्रतिमा के समीप बैठें और मंत्रोच्चारण करें। पूजा संपन्न होने के बाद काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को दान में दें।
पूर्ण नियमानुसार पूजा (worship) और व्रत करने से शनिदेव भक्तों पर कृपा करते हैं और उनके सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं। शनिदेव के क्रोध से बचना बेहद जरूरी है, नहीं तो मनुष्य पर कई तरह के दोष लग जाते हैं। मान्यता है कि अगर शनिदेव की पूजा सही तरीके से की जाए तो उनकी कृपा मिलती है। साथ ही ग्रहों की दशा सुधरती है। ऐसे में उनकी पूजा में ध्यान रखें ये बातें-
मान्यता है कि अगर आपके कारोबार में घाटा हो रहा हो या परेशानियां आ रही हों, तो शनिदेव की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे संकट दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि हर शनिवार को मंदिर में सरसों के तेल (Mustard oil) का दीया जलाना चाहिए। अगर आस-पास शनि मंदिर ना हो, तो पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलाएं या फिर गरीबों को सरसों का तेल दान करना चाहिए।
मान्यता है कि शनिदेव की पूजा में तांबे के बर्तनों (Copper utensils) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शनि की पूजा में लोहे के बर्तनों का ही उपयोग करना चाहिए। पूजा में दीपक भी लोहे या मिट्टी का ही जलाएं और लोहे के बर्तन में ही तेल भरें और शनिदेव को चढ़ाएं। साथ ही हर शनिवार (Saturday) काले तिल और काली उड़द भी चढ़ानी चाहिए।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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