नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये (9.45 lakh crore direct tax collection in the financial year 2020-21) रहा है, जो संशोधित बजट अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा है। संघीय शुद्ध प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर शामिल है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष पीसी मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में पर्याप्त रिफंड जारी करने के बावजूद संशोधित अनुमानों से ज्यादा कर संग्रह किया है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह में करीब 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.05 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 104.46 फीसदी रहा है। मंत्रालय ने कहा कि अग्रिम कर संग्रह वित्त वर्ष 2020-21 में 4.95 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस तरह इसमें करीब 6.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह 4.57 लाख करोड़ रुपये था, जबकि शुद्ध व्यक्तिगत आयकर 4.71 लाख करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा 16,927 करोड़ रुपये प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) से मिले। पीसी मोदी ने कहा कि आम बजट के संशोधित अनुमानों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह के तौर पर 9.05 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया था। इस तरह कर संग्रह संशोधित अनुमानों से 5 फीसदी ज्यादा रहा, लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 में तय किए गए लक्ष्य से 10 फीसदी कम रहा।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में 2.61 लाख करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया गया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 1.83 लाख करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया गया था। इस तरह रिफंड में करीब 42.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि आयकर विभाग ने कागजी कार्रवाई का बोझ कम करने और बेहतर करदाता सेवाएं मुहैया कराने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसका असर पिछले वित्त वर्ष के कर संग्रह में दिखा है।
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