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सोनीपत। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) तेजी से बढ़ने पर जहां कई जगह नाइट कर्फ्यू व लॉकडाउन (Night Curfew and Lockdown) की शुरूआत हो गई तो वहीं इसके डर से मजदूरों ने घर वापसी शुरू कर दी है। पिछले साल लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से प्रवासी मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इन्हीं परेशानियों से बचने के लिए प्रवासियों ने पहले ही पलायन शुरू कर दिया है। हरियाणा (Hariyana) के सोनीपत(Sonipat) में घर वापस जाने वालों की राष्ट्रीय राजमार्ग पर लाइन(Workers’ line on National Highway) लगी है। वहीं बसों से जाने वालों में मारामारी है। मजदूरों का यह पलायन उद्योगों के सामने परेशान खड़ा कर सकता है।
कोरोना (Corona) के कारण जब पिछले साल लॉकडाउन की घोषणा हुई तो यातायात अचानक बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ी थी। मजदूरों के लिए जब खाने की परेशानी हुई तो वह पैदल ही घर को निकल पड़े और सैंकड़ों किमी पैदल चलकर किसी तरह अपने घर पहुंचे थे।जिसके बाद फैक्टरी शुरू हुई तो मजदूर काफी मशक्कत के बाद वापस लौटे थे। लेकिन अब दोबारा से कोरोना के मामले बढ़ने पर सख्ती शुरू हुई तो प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के भय से पलायन शुरू कर दिया है। यहां कुंडली, राई, नाथूपुर औद्योगिक क्षेत्र से करीब तीन हजार मजदूर पलायन कर चुके है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर केजीपी-केएमपी गोल चक्कर के पास मजदूरों की लाइन लगी रहती है। प्राइवेट ट्रेवल्स वाले सुबह व शाम को वहां से उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए बस भेजते है और उनमें प्रवासी मजदूर अपने घर के लिए रवाना हो जाते है। बिहार के रहने वाले अंकुर, सतनाम, करमसिंह ने बताया कि पिछले साल पूरे परिवार को परेशानी झेलनी पड़ी थी और घर वापस जाने में पैर में छाले तक पड़ गए थे। इसलिए इस बार पहले ही घर जा रहे है और जब लगेगा कि सब ठीक है तो तभी वापस आने पर विचार करेंगे। प्रवासी मजदूरों के पलायन से उद्यमियों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। क्योंकि पहले कोरोना के कारण फैक्टरी बंद रही तो उसके बाद किसान आंदोलन ने परेशानी बढ़ा दी। अब दोबारा से स्थिति सामान्य होती जा रही थी तो अब फिर से मजदूरों ने पलायन शुरू कर दिया। ऐसे में उद्यमियों के लिए मजदूरों का संकट खड़ा हो सकता है और उससे उद्योग प्रभावित होने का डर सताने लगा है। कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गुप्ता कहते है कि यह काफी बड़ी समस्या है और वह मजदूरों को समझा रहे है कि उनको किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन का सहयोग भी चाहिए ।