मुबंई। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने पिछले कुछ समय में इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी शानदार गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया है। सिराज ने कहा कि वह कड़ी मेहनत करने के लिए और मौकों का फायदा उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जिससे वह भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बन सके। भारत की ओर से सबसे ज्यादा इंटरनेशनल विकेट अनिल कुंबले ने लिए हैं। कुंबले के खाते में 956 इंटरनेशनल विकेट दर्ज हैं।
तेज गेंदबाजों की बात करें तो इस मामले में भारत की ओर से सबसे ज्यादा इंटरनेशनल विकेट कपिल देव ने लिए हैं, जिनके खाते में 687 विकेट दर्ज हैं। इस 27 वर्षीय तेज गेंदबाज ने नवंबर 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट में डेब्यू के बाद से अब तक भारत के लिए पांच टेस्ट, एक वनडे और तीन टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) की ओर से खेलने वाले सिराज ने कहा कि वह तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहते हैं और अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने साथी तेज गेंदबाजों जसप्रीत बुमराह और ईशांत शर्मा को दिया। सिराज ने आरसीबी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाले गए वीडियो में कहा, ‘मैं जब भी गेंदबाजी करता था तो जसप्रीत बुमराह मेरे पीछे खड़े रहते थे। उन्होंने मुझे कहा कि अपने बेसिक्स पर कायम रहो और कुछ एक्स्ट्रा करने की जरूरत नहीं है। उनके जैसे अनुभवी खिलाड़ी से सीखना अच्छा रहा।’
उन्होंने कहा, ‘मैं इशांत शर्मा के साथ भी खेला हूं, वह 100 टेस्ट खेले हैं। उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करके अच्छा महसूस किया। मेरा सपना भारत के लिए सबसे अधिक विकेट चटकाने वाला गेंदबाज बनना है और जब भी मुझे मौका मिलेगा मैं कड़ी मेहनत करूंगा।’ अब तक 35 आईपीएल मैचों में 39 विकेट चटकाने वाले सिराज ने कहा कि जब वह पहली बार टीम से जुड़े थे तो उनका मनोबल गिरा हुआ था लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बाद वह आत्मविश्वास से भर गए।
सिराज ने कहा कि आरसीबी के बैटिंग कोच संजय बांगड़ से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद वह आक्रामक गेंदबाजी करना जारी रखेंगे। पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करने के बाद से सिराज अच्छी लय में हैं। यह दौरा सिराज के लिए काफी इमोशनल था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में आइसोलेशन के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था। भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण के साथ रिश्तों पर सिराज ने कहा, ‘अरुण सर मुझे बेटे की तरह मानते हैं। मैं जब भी उनसे बात करता हूं तो मेरा मनोबल बढ़ता है। जब वह हैदराबाद में थे तो मुझे हमेशा लाइन और लेंथ पर ध्यान लगाने के लिए कहते थे। मैं भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहता हूं। जब भी मौका मिले तो मैं अपना 100 प्रतिशत देना चाहता हूं और दोनों हाथों से इसका फायदा उठाना चाहता हूं।’
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