नई दिल्ली। खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों (Rising prices of edible oils) पर जल्द ही ब्रेक लग सकता है। केंद्र सरकार खाद्य तेलों की कीमत (Central government price of edible oils) में लगातार हो रहे उछाल को काबू करने के लिए जल्द ही ड्यूटी में कटौती करने का फैसला ले सकती है। ताकि आम उपभोक्ताओं को लगातार बढ़ती कीमत से राहत मिल सके। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें खाद्य तेलों की बढ़ती कीमत में कटौती करने के विकल्पों का उल्लेख किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक साल से अलग अलग खाद्य तेलों की कीमत में 35 से 95 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इसकी एक बड़ी वजह पिछले सीजन के दौरान तिलहन के उत्पादन में आई कमी और आयातित खाद्य तेल पर ऊंची दर पर लगने वाली ड्यूटी को माना जाता है। खाद्य तेलों की कीमत में आई इस उछाल का असर आम उपभोक्ताओं पर तो पड़ा ही है, इससे महंगाई दर भी प्रभावित हुई है।
जानकारों के मुताबिक खाद्य तेल की कीमत में आए इस उछाल को देखते हुए केंद्र सरकार का एंपावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर जल्दी ही इसकी समीक्षा करने वाला है। इस समीक्षा के बाद आम लोगों को राहत देने के लिए ड्यूटी में कटौती करने का फैसला भी लिया जा सकता है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिसमें खाद्य तेलों की बढ़ती कीमत का देश के उपभोक्ताओं पर पड़ रहे असर का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही खाद्य तेल की कीमत में कमी लाने के लिए अपनाए जाने वाले अलग अलग उपायों का भी उल्लेख किया गया है। इन उपायों में ही एक उपाय इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती करने का है, ताकि घरेलू मार्केटिंग कंपनियों को कम लागत में आयातित तेल मिल सके। ऐसा होने से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेल की कीमतों में नरमी आ सकेगी। (एजेंसी, हि.स.)
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