img-fluid

अमेरिका से छोड़े गए स्पेसएक्स रॉकेट का मलबा खेत में गिरा

April 07, 2021

वॉशिंगटन। पिछले महीने अमेरिका(America) से छोड़े गए स्पेसएक्स रॉकेट (Spacex Rocket) हादसे का शिकार हो गया। राकेट का एक बड़ा हिस्सा वॉशिगटन (Washington) के एक खेत में जा गिरा। हालांकि इस दौरान किसी की हताहत नहीं हुई। पुलिस की सूचना पर पहुंची वैज्ञानिकों की टीम (Scientists) ने खेत से रॉकेट का बड़ा हिस्सा बरामद(Rocket Was Recovered from Farm) किया। तकनीकी गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ है। वॉशिंगटन के ग्रांट काउंटी में 2 अप्रैल को स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट का जो टुकड़ा गिरा है, उसे कंपोजिट ओवररैप्ड प्रेशन वेसल के नाम से जाना जाता है। फॉल्कन-9 रॉकेट के सेकेंड स्टेज का अगला हिस्सा होता है। रॉकेट को 4 मार्च को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था



ग्रांट काउंटी शेरिफ ऑफिस ने ट्वीट किया कि पिछले हफ्ते एलन मस्क की कंपनी फॉल्कन रॉकेट के COPV को निजी संपत्ति से बरामद किया। रॉकेट का जो मलबा मिला था, उसे हमने स्पेसएक्स के वैज्ञानिकों को सौंप दिया है। ग्रांट काउंटी शेरिफ दफ्तर ने ट्विवटर पर लिखा कि जिस शख्स के खेत में यह मलबा गिरा उसका नाम उजागर नहीं किया जाएगा। उसकी गोपनियता को भंग नहीं किया जा सकता है। आगे लिखा कि जहां मलबा गिरा उसके आसपास बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। अगर रॉकेट का दिशा थोड़ा बहुत भी इधर उधर होता तो काफी लोगों को नुकसान पहुंच सकता था।
रॉकेट हादसे के बाद स्पेसएक्स ने कहा कि फॉल्कन-9 रॉकेट के दूसरे स्टेज ने सही से डीऑर्बिटिंग नहीं की।लिहाजा वह कई दिनों तक अंतरिक्ष में भटकता रहै । धीरे-धीरे धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति की तरफ आता रहा। यह सैटेलाइट बस और पहले हिस्से के बीच बूस्टर का काम करता है। बता दें कि फॉल्कन-9 रॉकेट का पहला चरण लॉन्च के बाद एक निश्चित समय में अपने आप धरती पर वापस लैंड कर जाता है। फिर स्पेसएक्स कंपनी इस हिस्से को दुरुस्त करके अगले मिशन के लिए तैयार करती। जबकिसेकेंड स्टेज का मामला अलग है। काम खत्म होने के बाद या तो उसे अंतरिक्ष में ही नष्ट कर दिया जाता है। या फिर वहीं धरती की कक्षा में तैरने के लिए छोड़ दिया जाता है।

Share:

रूस बोला-डॉलर में अंतरराष्ट्रीय लेन-देन करना जोखिम भरा हो गया

Wed Apr 7 , 2021
मास्को। रूस (Russia) ने कहा है कि डॉलर(Dollar) एक जोखिम भरी मुद्रा (Currency) बनता जा रहा है। उसने आरोप लगाया कि इसकी वजह यह है कि अमेरिका (America) अपने विदेश नीति (Foreign Policy) संबंधी मकसदों को हासिल करने के लिए लगातार अपनी मुद्रा (Currency) का इस्तेमाल कर रहा है। इससे डॉलर(Dollar) में अंतरराष्ट्रीय लेन-देन (International […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
सोमवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved