दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीनेशन कार्यक्रम (Vaccination Drive) शुरू हो चुका है और अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन दिए जाने की खबरें आ चुकी हैं। इस बीच, ताज़ा खबर यह है कि दुनिया की ऐसी पहली वैक्सीन रूस में रजिस्टर की गई है, जो जानवरों को कोरोना वायरस (First Animal Corona Vaccine of the World) से बचाने के लिए लगाई जाने वाली है। हालांकि अभी इस वैक्सीन से जुड़े कई पहलुओं पर शोध और विश्लेषण (Research & Analysis) का काम जारी है, लेकिन रूस ने इसे लेकर पहल कर दी है।
रूस के कृषि सुरक्षा मामलों के लिए वॉचडॉग का काम करने वाली प्रमुख संस्था के हवाले से विदेशी मीडिया में खबरें हैं कि पहली एनिमल वैक्सीन के डोज़ के छह महीने बाद तक असर रहता है। लेकिन, डोज़ डेवलपर अभी इस बारे में और रिसर्च कर रहे हैं। रूस में रजिस्टर की गई इस वैक्सीन के बारे में रोचक बातें जानिए। कबसे होगा उत्पादन? इस एनिमल वैक्सीन के कुछ डोज़ तो रजिस्टर हो चुके हैं, लेकिन इसका मास प्रोडक्शन अगले महीने से शुरू होने की बात कही गई है। यह भी गौरतलब बात है कि रूसी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से वायरस के म्यूटेशन होने से भी बचाव संभव होगा।
क्या है यह वैक्सीन? रूस में पशु चिकित्सा सेवा की फेडरल संस्था ने जानवरों के लिए जो वैक्सीन डेवलप की है, उसका नाम कार्निवैक यानी Carnivac-Cov है। कुत्तों, बिल्लियों, लोमड़ियों जैसे जानवरों पर अक्टूबर 2020 से इस वैक्सीन के ट्रायल हो चुके हैं। इन ट्रायलों के बाद यह दावा किया गया कि दुनिया की यह पहली और अब तक इकलौती वैक्सीन है, जो जानवरों को कोविड-19 के खतरे से बचाने में कारगर है।
ट्रायलों का नतीजा? खबरों में रूस की वेटनरी संस्था के हवाले से कहा गया कि ट्रायलों के नतीजों के बाद निष्कर्ष निकाला गया कि इस वैक्सीन से कोई नुकसान नहीं होता और साथ ही जानवरों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप हो जाती है। यही नहीं, दावे के मुताबिक ऐसा 100 फीसदी मामलों में देखा गया। मनुष्यों के लिए रूस में फिलहाल तीन वैक्सीनें दी जा रही हैं, जिनमें से एक स्पूतनिक है और बाकी दो एपिवैककोरोना और कोविवैक हैं।
वहीं, आंकड़ों के मुताबिक रूस में रोज़ाना नए केसों का औसत 8000 से ज़्यादा का बना हुआ है। क्या रूस बेचेगा यह वैक्सीन? दुनिया भर से इस तरह की रिपोर्ट्स थीं कि पालतू जानवर कोरोना के शिकार हुए। इसके बाद ही खास तौर से घरेलू या पाले जाने वाले जानवरों के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट शुरू हुआ था। रिपोर्ट्स कह रही हैं कि ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, कनाडा, अमेरिका और सिंगापुर की कंपनियों ने रूस से संपर्क किया है और इस वैक्सीन को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
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