तीन अन्य आरोपियों को राजस्थान की जेलों से ईओडब्ल्यू लेगा रिमांड पर
इंदौर। ईओडब्ल्यू (EoW)ने करोड़ों के चिटफंड घोटाले (Chitfund Scam) के एक आरोपी को जेल से रिमांड पर लिया है। उसका कहना है कि मैं तो कभी इंदौर आया ही नहीं। अब राजस्थान की जेलों में बंद तीन और आरोपियों को जेल से इंदौर लाया जा रहा है, ताकि सभी आरोपियों से एक साथ पूछताछ की जा सके।
ईओडब्ल्यू (EoW) के टीआई पाटीदार ने बताया कि 2015 में बीएनबी रियल एस्टेट और चिटफंड कंपनी (Chitfund Company) ने इंदौर में बंसी ट्रेड सेंटर में कार्यालय खोला था। इसका मुख्यालय दिल्ली (Delhi) में था। कंपनी ने यहां एफडी पर अधिक ब्याज और चिटफंड के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपया जमा करवाए और फरार हो गए। इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू (EoW) में दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच पूरी कर ली है। कंपनी में वकीलसिंह, धर्मवीर कुशवाह, बनवारीलाल, मुकेश बघेल, सुरेंद्रसिंह और हरीश बाबू हैं। इस कंपनी ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अलावा राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की। इनके खिलाफ दस मामले दर्ज हैं। इनमें से हरीश बाबू निवासी इटावा को ईओडब्ल्यू (EoW) ने गिरफ्तार किया है। वह 3 अप्रैल तक रिमांड पर है। पूछताछ में उसका कहना है कि उसका इंदौर के ऑफिस से कुछ लेना-देना नहीं है। वह कभी इंदौर आया ही नहीं। पाटीदार का कहना है कि कंपनी के तीन डायरेक्टर मुकेश बघेल, सुरेंद्रसिंह और धर्मवीर प्रतापगढ़ व चित्त्तौडग़ढ़ की जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया गया है। उनको जेल (Jail) से लाया जाएगा और सभी आरोपियों से एक साथ पूछताछ की जाएगी, ताकि केस से संबंधित दस्तावेज जब्त कर उनके खाते सील किए जा सकें। ये तीनों आरोपी 2016 से ही जेल में बंद हैं, जबकि बाकी आरोपी फरार हैं।
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