निगम द्वारा बढ़ाए गए कर की वापसी से सरकार ने पल्ला झाड़ा
इंदौर। नगर निगम (Municipal corporation) द्वारा गाइड लाइन के आधार पर संपत्ति कर (property tax) लागू किए जाने के साथ कचरा संग्रहण शुल्क एवं जलकर दोगुना किए जाने के फैसले पर निगमायुक्त द्वारा उक्त टैक्स वृद्धि ( tax hike) की वापसी का फैसला शासन पर छोड़े जाने के जवाब में नगरीय प्रशासन आयुक्त ने कहा कि स्थानीय टैक्स वृद्धि ( tax hike) का फैसला स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया गया है और निगम प्रशासक यानी संभागायुक्त (divisional commissioner) इस वृद्धि और उसकी वापसी के विषय में फैसला लेने में सक्षम है।
नगर निगम (Municipal corporation) द्वारा संपत्ति कर के अलावा कचरा संग्रहण शुल्क (garbage collection fee) एवं जलकर दोगुना किए जाने के फैसले ने पूरे शहर में हडक़ंप मचा दिया है। इस अप्रत्याशित वृद्धि से जनप्रतिनिधियों के साथ ही सत्ता दल के वरिष्ठ नेता भी न केवल चौंक गए, बल्कि सभी ने एक मत से उक्त वृद्धि की वापसी का फैसला लेने पर हर स्तर पर चर्चाएं करना शुरू कर दी। कल निगमायुक्त ने इस विषय में कर वृद्धि की वापसी की गेंद सरकार के पाले में डाल दी थी, लेकिन इस विषय में जब नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव (Nikunj Srivastava) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त कर वृद्धि की वापसी का फैसला स्थानीय स्तर पर ही लिया जा सकता है। इसके लिए निगम प्रशासक यानी संभागायुक्त अधिकृत हैं। आज से लागू हुई कर वृद्धि के भारी विरोध के बावजूद अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। नगरीय प्रशासन आयुक्त का कहना है कि शासन द्वारा संपत्ति कर वृद्धि के संबंध में प्रस्ताव आने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन अन्य कर वृद्धि को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा ही फैसला लिया जाएगा। हालांकि विधायक महेन्द्र हार्डिया (Mahendra Hardia) ने बताया कि उनकी शासन स्तर पर चर्चा हो चुकी है और सरकार द्वारा की गई टैक्स वृद्धि की वापसी का आदेश जारी किया जा रहा है, वहीं स्थानीय स्तर पर भी निगम द्वारा की गई वृद्धि पर चर्चा की जा रही है।
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